कांग्रेस को लगा झटका, अजय माकन ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
By: Priyanka Maheshwari Tue, 18 Sept 2018 09:03:56
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन Ajay Maken ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अजय माकन ने इस्तीफा दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है। हालांकि अभी इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है है। बताया जा रहा कि इस्तीफा देने के बाद इलाज के लिए माकन विदेश रवाना हो गए। माकन के 21 सितंबर तक वापस दिल्ली लौटने की संभावना है। लोकसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले ही हुए इस इस्तीफे से कांग्रेस पार्टी को झटका लगा है, जिसने राजधानी में इलेक्शन की तैयारियां शुरू कर दी हैं। अजय माकन के इस इस्तीफे को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको से माकन ने उन्हें जल्द प्रभावमुक्त करने की गुजारिश की है। ऐसे में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पद को लेकर संशय बना हुआ है। गौरतलब है कि शीली दीक्षित पहले से ही बीमार चल रही हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शीला और माकन का बीमार होना दिल्ली में कांग्रेस के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है। माकन के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने बीते 13 सितंबर को अपना इस्तीफा पहले पीसी चाको को सौंपा और फिर 14 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस्तीफे में माकन ने अपने खराब स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा कि, मैं दिल्ली में गरीबों की लड़ाई पूरी मुस्तैदी से नहीं लड़ पा रहा हूं। मैं पार्टी में बना रहूंगा लेकिन फिलहाल मुझे आराम की आवश्यकता है।
बता दें कि, दिल्ली नगर निगम के बीते चुनावों में कांग्रेस के तीसरे नंबर पर आने से परेशान होकर पहले भी माकन पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। कुछ दिन पहले भी दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव के नतीजे आने के बाद अजय माकन ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा था। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को वोट कटवा पार्टी कहा था।
उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में यह बात साबित हो गई की छात्र इकाई सीवाईएसएस (छात्र युवा संघर्ष समिति) को 13,781 वोट मिले हैं, जबकि नोटा के हिस्से में 15083 वोट आए हैं। केजरीवाल को इसका जवाब देना चाहिये। माकन ने कहा कि सीवाईएसएस का डीयू इलेक्शन में यह हाल केजरीवाल की लगातार गिरती लोकप्रियता का परिणाम है। चुनाव से एक सप्ताह पहले ही सीवाईएसएस की इकाई का गठन किया गया था। ये बातें इसका सबूत है कि केजरीवाल ने सीवाईएसएस का गठन एनएसयूआई को नुकसान पहुंचाने के लिए ही किया था।