शिवसेना का मोदी सरकार से सवाल: आरक्षण तो दे दिया, नौकरियां कहां है?, दी चेतावनी - अगर यह एक चुनावी चाल तो महंगी साबित होगी

By: Priyanka Maheshwari Thu, 10 Jan 2019 2:47:57

शिवसेना का मोदी सरकार से सवाल: आरक्षण तो दे दिया, नौकरियां कहां है?, दी चेतावनी - अगर यह एक चुनावी चाल तो महंगी साबित होगी

संसद में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षणके प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। बिल पास होने के बाद बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' (Saamna) के एक संपादकीय के जरिए सवाल उठाया है कि आरक्षण तो दे दिया, लेकिन नौकरियां कहां हैं? पार्टी ने साथ ही चेतावनी दी कि अगर यह एक चुनावी चाल है तो यह महंगी साबित होगी। शिवसेना ने कहा किमराठा समुदाय (Maratha Reservation) को भी महाराष्ट्र में आरक्षण दिया गया है लेकिन सवाल अभी भी यही बना हुआ है कि नौकरियां कहां है? संसद ने बुधवार को सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी।

शिवसेना ने कहा ‘जब सत्ता में बैठे लोग रोजगार और गरीबी दोनों मोर्चो पर विफल होते हैं तब वे आरक्षण का कार्ड खेलते हैं। अगर यह वोट के लिए लिया गया निर्णय है तो यह महंगा साबित होगा। 10 फीसदी आरक्षण के बाद रोजगार का क्या होगा? आपको नौकरी कहां से मिलेगी?'

- शिवसेना ने कहा भारत में, 15 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी हर महीने 13 लाख बढ़ रही है। 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को नौकरी देना अपराध है लेकिन बाल श्रम लगातार जारी है। बता दें, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी केन्द्र और महाराष्ट्र दोनों जगह सत्तारूढ़ भाजपा की गठबंधन सहयोगी है।

- ‘सामना' में कहा गया है कि देश में रोजगार की दर को संतुलित बनाए रखने के लिए हर साल 80 से 90 लाख नए रोजगारों की जरूरत है लेकिन यह गणित कुछ समय से असंतुलित है।

- सामना में कहा गया है, ‘पिछले दो सालों में नौकरी के अवसर बढ़ने के बजाय कम हुए हैं और नोटबंदी एवं जीएसटी लागू किये जाने के कारण करीब 1.5 करोड़ से लेकर दो करोड़ नौकरियां गई हैं। युवाओं में लाचारी की भावना है।'

- शिवसेना ने दावा किया कि 2018 में रेलवे में 90 लाख नौकरियों के लिए 2.8 करोड़ लोगों ने आवेदन किया। इसके अलावा मुंबई पुलिस में 1,137 पदों के लिए चार लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया और कई आवेदनकर्ता आवश्यक योग्यता से अधिक शैक्षणिक योग्यता रखते थे। इसमें चुटकी लेते हुए कहा गया है, ‘सरकार के 10 प्रतिशत आरक्षण के बाद क्या योग्य युवा कुछ हासिल कर पाएंगे? युवाओं को पकौड़ा तलने की सलाह देने वाले प्रधानमंत्री को आखिरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण देना पड़ा।'

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com