जम्मू कश्मीर: 'अर्जेंट नोटिस' पर श्रीनगर में पहुंची अर्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियां
By: Priyanka Maheshwari Sat, 23 Feb 2019 11:58:59
जम्मू कश्मीर में देर रात अलगाववादी नेता की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर 'अर्जेंट नोटिस' पर अर्द्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियों को घाटी में भेजा है। इसमें सीआरपीएफ की 35, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां शामिल है। जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव, मुख्य सचिव और डीजीपी को 22 तारीख को भेजे गए इस फैक्स में गृह मंत्रालय ने कहा कि घाटी में तत्काल प्रभाव से इन बलों की तैनाती की जानी है। फैक्स में सीआरपीएफ को इन बलों की तत्काल रवानगी की व्यवस्था करने को कहा गया है। इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती क्यों की जा रही है इसका खुलासा नहीं किया गया है। लिहाजा अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
बता दें कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में तनाव बढ़ा है। जिसके बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान पर बार-बार कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है। खासकर हमले के दो दिन बाद ही पुलवामा के मास्टरमाइंड के मारे जाने के बाद सेना की चहलकदमी इन इलाकों में बढ़ी है। इसी दौरान जम्मू कश्मीर में मौजूद कई अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा को हटा दिया गया और शुक्रवार देर रात यासीन मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया। यासीन मलिक की गिरफ्तारी के साथ दर्जन भर अन्य अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें जमात-ए-इस्लामी अलगाववादियों का प्रमुख अब्दुल हामिद फैयाज भी शामिल है। अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी और बढ़ी सेना बल इशारा करती है कि आने वाले दिनों में सूबे में बड़ा घटनाक्रम हो सकता है। दरअसल आगामी 25-26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35 A पर फैसला आना है। यदि सुप्रीम कोर्ट में इसे हटाने या फिर बदलाव की बात कही जाती है तो घाटी में बवाल हो सकता है। लिहाजा सरकार एतिहातन अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर रही है।
वही अलगाववादियों पर की जा रही कार्रवाई और गिरफ्तारियों पर सवाल उठाते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि किस आधार पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा, 'किसी व्यक्ति को कैद किया जा सकता है, लेकिन उसके विचारों को नहीं।' बता दे, शुक्रवार रात जेकेएलएफ (JKLF) प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'पिछले 24 घंटों में हुर्रियत नेताओं और जमात संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। ऐसी मनमानी चाल को समझना मुश्किल है। किस कानूनी आधार के तहत उनकी गिरफ्तारी जायज है? आप किसी व्यक्ति को कैद कर सकते हैं, लेकिन उसके विचारों को नहीं।'
In the past 24 hours, Hurriyat leaders & workers of Jamaat organisation have been arrested. Fail to understand such an arbitrary move which will only precipitate matters in J&K. Under what legal grounds are their arrests justified? You can imprison a person but not his ideas.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 23, 2019