अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्द है आभानेरी मंदिर, जानें इसके बारे में
By: Anuj Tue, 28 Jan 2020 5:00:28
आभानेरी राजस्थान के दौसा ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक ग्राम है। यह जयपुर से 95 किमी की दूरी पर स्थित है। यह इतिहास की आभा से अभीभूत कर देने वाला स्थान है। यह छोटा-सा ग्राम किसी समय राजा भोज की राजधानी रहा था। आभानेरी से प्राप्त पुरातत्त्व अवशेषों को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह स्थान लगभग तीन हज़ार वर्ष तक पुराना हो सकता है। यहाँ से प्राप्त कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण पुरावशेष 'अल्बर्ट हॉल म्यूजियम', जयपुर की शोभा बढ़ा रहे हैं। आइये जानते हैं आभानेरी मंदिर के बारे में-
नाम के पीछे की कहानी
अपने सीढ़ीदार कुओं के कारण लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है । यहाँ स्थित चंद बावरी अपने सुन्दर विशाल सीढ़ीदार कुओं की वजह से हमेशा ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है । ऐसा माना जाता है की आभानेरी गाँव को सम्राट मिहिर भोज द्वारा स्थापित किया गया था जो एक गुर्जर प्रतिहार राजा थे । मूल रूप से इस गाँव का नाम आभा नगरी है जिसका अर्थ होता है "चमक का शहर " लेकिन समय के साथ और लोगों के गलत उच्चारण के कारण अब इस गाँव का नाम आभानेरी हो गया है ।
कला और संस्कृति का स्थल
कला और संस्कृति के क्षेत्र में भारत की भूमि का कोई मुकाबला नहीं है। यहाँ पग-पग पर कला के रंग समय को भी यह इजाजत नहीं देते कि वे उसके अस्तित्व पर गर्त भी डाल सकें। भारत की ऐसी ही वैभवशाली और पर्याप्त समृद्ध स्थापत्य कला के नमूने कहीं-कहीं इतिहास के झरोखे से झांकते मालूम होते हैं। ऐसे ही कुछ नमूने राजस्थान के दौसा ज़िले में स्थित ऐतिहासिक स्थल 'आभानेरी' में देखने को मिलते हैं।
आभानेरी पहुंचना
यह गाँव जयपुर से मात्र 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इस वजह से यहाँ भारत के किसी भी कोने से बड़ी ही आसानी के साथ पहुंचा जा सकता है। अपने गौरवशाली अतीत और रंगीन संस्कृति के कारणहमेशा से ही इस गाँव ने दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया है।
चाँद बावड़ी
चाँद बावड़ी एक सीढ़ीदार कुआँ है। इस बावड़ी का निर्माण 9वीं शताब्दी में किया गया था। इसमें 3,500 संकरी सीढ़ियाँ हैं और ये 13 तल ऊँचा और 100 फुट या 30 मीटर गहरा है। ये अविश्वसनीय कुआँ उस समय जल की कमी से जूझ रहे इस क्षेत्र की जल समस्या का एक व्यावहारिक समाधान था। चांदनी रात में यह बावड़ी एकदम सफ़ेद दिखायी देती है। तीन मंजिली इस बावड़ी में राजा के लिए नृत्य कक्ष तथा गुप्त सुरंग बनी हुई है। इसके ऊपरी भाग में निर्मित परवर्ती कालीन मंडप इस बावड़ी के लंबे समय तक उपयोग में रहने का प्रमाण देती है। बावड़ी की तह तक पहुंचने के लिए क़रीब 1300 सीढ़ियाँ बनाई गई हैं, जो अद्भुत कला का उदाहरण पेश करती हैं।
आभानेरी की यात्रा करने के लिए उत्तम समय
आभानेरी की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है इस समय यहाँ का मौसम बड़ा ही सुखद और सहज रहता है।