धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है तमिल नाडु का एक प्रमुख पर्यटक स्थल - यरकौड
By: Priyanka Maheshwari Fri, 27 Apr 2018 10:23:57
भारत के दक्षिण में बसे सबसे खूबसूरत राज्यों में शुमार तमिलनाडु ने हमेशा से ही अपनी एक अलग संस्कृति और अनोखी सभ्यता के चलते देश विदेश से आने वाले पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। यरकौड तमिल नाडु का एक प्रमुख पर्यतीय पर्यटक स्थल है। यह पूर्वी घाट पर सर्वरायन पर्वत श्रृंखला पर स्थित है। अन्य हिल्स स्टेशनों से सस्ता यह स्थान धीरे-धीरे लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन यहां उतनी भीड़ नहीं है जितनी ऊटी या कोडाइकनाल में होती है। प्रकृति को करीब से महसूस करने के इच्छुक लोगों के लिए यह एक उपयुक्त जगह है। वैसे तो तमिलनाडु में बहुत सारें हिल स्टेशन है पर उनमे से यरकौड एक ऐसा स्थल है जो शांति और सुकून के लिए जाना जाता है। आज ही भागती दौड़ती जिंदगी में अगर आप सुकून चाहते है तो यह जगह आपके लिए बेस्ट है।
मुख्य आकर्षण
# यरकौड झील
यरकौड का सबसे बड़ा आकर्षण यहां की झील है। यहां की ठंडी हवा आपको तरोताजा कर देगी। झील के पास ही अन्ना पार्क है जहां तरह-तरह के फूल आपको अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मई के महीने में यहां काफी भीड़भाड़ होती है। उस समय यहां ग्रीष्म महोत्सव का आयोजन किया जाता है। झील के बीच में एक द्वीप है जिसे ओवरब्रिज द्वारा मुख्य भूमि से जोड़ा गया है। इस द्वीप पर हिरन और मोर देखे जा सकते हैं। इस झील में बोटिंग का भी प्रबंध है। लेकिन बोटिंग करते समय आपको सावधान रहने की जरुरत है।
# शेवाराय मंदिर और भालू की गुफा
सर्वरायन पहाड़ी पर समुद्रतल से 5326 फीट ऊपर शेवाराय मंदिर है। यह स्थान यरकौड का सबसे ऊंची जगह है। यह मंदिर स्थानीय देवता सरवरन और उनकी पत्नी कवरिअम्मा को समर्पित है। यहां रहने वाली जनजाति के लोग प्रतिवर्ष मई में वार्षिकोत्सव मनाते हैं। मंदिर के रास्ते में नोर्टन बंगले के पास भालू की गुफा है। यह माना जाता है कि बहुत समय पहले यह एक राजा की गुप्त सुरंग का प्रवेश द्वार था।
# किलियुर जलप्रपात
यह जलप्रपात यरकौड से 3 किलोमीटर दूर है। 300 फीट ऊंचे इस प्रपात तक पहुंचने का रास्ता बहुत रोमांचक है। अधिक उम्र के व्यक्तियों को यहां जाने में कठिनाई हो सकती है।
# लेडीज सीट
यहां से घाट रोड का नजारा दिखाई देता है। रात को यहां आना बेहतर रहेगा। उस समय रोशनी में जगमगाता सालेम शहर बहुत ही खूबसूरत नजर आता है। लेडीज सीट पर एक टेलीस्कोप है जिसके जरिए मैदानी इलाके को और नजदीक से देखा जा सकता है। यहां से बाएं जाने पर कावेरी नदी पर बना मेत्तूर बांध दिखाई देगा।
# वनस्पति उद्यान
यरकौड के वनस्पति उद्यान में पौधों की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें पिचर प्लांट जैसी दुर्लभ प्रजातियां भी शामिल है। यहां कुरिंजी फूल (जो बारह साल में एक बार उगता है) का नमूना भी देखा जा सकता है। यहां भारत का तीसरा सबसे बड़ा ऑर्किडेरिअम है। इसमें ऑर्किड की सौ से ज्यादा किस्में रखी गई हैं। इनमें से कुछ तो विश्व में और कहीं नहीं मिलती। वनस्पति विज्ञान में रुचि रखने वाले को यहां अवश्य आना चाहिए।