ईद : भारत-पाक में सेवइयां, लेकिन दूसरे देशों में बनाई जाती है अलग-अलग डिश
By: Priyanka Maheshwari Wed, 05 June 2019 09:29:43
देशभर में लोग पूरे उत्साह के साथ ईद (Eid-Ul-Fitr) की खुशियां मना रहे हैं। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के बाकी हिस्सों में भी ईद 5 जून को मनाई जा रही है। बता दें, रमजान का महीना 30 दिनों तक चलता है। लेकिन इस बार 5 जून को ईद होने पर रमज़ान का महीना सिर्फ 29 दिन का ही रहा। वहीं, साल 2018 में ईद 16 जून को मनाई गई थी। ईद की तारीख आते ही घरों और बाज़ारों में ईद की तैयारियां ज़ोरों से की गईं थीं। भारत समेत पाकिस्तान और बांग्लादेश में ईद उल फितर के मौके पर शीर खुरमा और मीठी सेवइयां बनाई जाती है। लेकिन सेवइयां की मिठास सिर्फ एशियाई देशों तक ही सीमित है, अधिकांश मुस्लिम जनसंख्या वाले देशों में दूसरी तरह की ट्रेडिशनल डिश बनाई जाती हैं। सेवइयों की तरह इन सभी पकवानों का इतिहास भी काफी पुराना है।
मानती
मानती एक ट्रेडिशनल रशियन डिश है जिसे मुख्य तौर पर ईद अल फितर के दिन बनाया जाता है। यह डिश चीन, अफगान, अर्मेनियन, तुर्किश, बोस्नानियन और सेंट्रल एशिया के मुस्लिम भी बनाते हैं।
सेवइयां
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में बनाए जाने की परंपरा से तो आप वाकिफ होंगे ही। ईद पर सेवइयों की खास डिमांड होती है। दूध और सेवईं से बना ये पकवान सिर्फ मुस्लिमों के लिए नहीं, पूरे भारत में इसकी खासी मांग है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि सेवाइयां के भी कई अलग-अलग प्रकार होते हैं। इसमे सूखी सेवइयां, शीर खुरमा या आम रस वाली सेवइयां भी शामिल हैं।
तुफाहिजा
तुफाहिजा एक प्रकार की मिठाई है जिसे ईद पर खाने के बाद परोसा जाता है। साउथ-ईस्ट यूरोप में ईद पर इसे बनाने का काफी प्रचलन है। यह दिखने में स्पंजी रसगुल्ले की तरह होता है जिसे चाशनी और क्रीम के साथ परोसा जाता है।
बोलानी
अफगानिस्तान में ईद की ट्रेडिशनल डिश बोलानी है। हालांकि लोग इसे रमजान के दौरान भी खाते हैं। पिज्जा की तरह दिखने वाले बोलानी को ब्रेड और सब्जियां के साथ बनाया जाता है। इसमें आलू, पालक और घिया जैसी तमाम सब्जियां भरी जाती हैं।
लेपिस लेगिट
वहीं इंडोनेशिया में ईद के मौके पर ट्रेडिशनल डच केक लेपिस लेगिट बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए अंडे और ब्रेड के अलावा कई इंडोनेशियन मसाले और लॉन्गह, इलायची का इस्तेमाल किया जाता है। सेवाइयां की तरह लोग इसे भी बड़े चाव से खाते हैं।
बता दे, पहली बार ईद उल-फितर 624 ईस्वी में मनाई गई थी। इस दिन मीठे पकवान बनाए और खाए जाते हैं। अपने से छोटों को ईदी दी जाती है। दान देकर अल्लाह को याद किया जाता है। इस दान को इस्लाम में फितरा कहते हैं। इसीलिए भी इस ईद को ईद उल-फितर (Eid Ul Fitr) कहा जाता है। इस ईद में सभी आपस में गले मिलकर अल्लाह से सुख-शांति और बरक्कत के लिए दुआएं मांगते हैं।