आखिर कहां चली जाती हैं मोटापा कम होने के बाद शरीर की फैट

By: Ankur Fri, 10 Apr 2020 3:04:56

आखिर कहां चली जाती हैं मोटापा कम होने के बाद शरीर की फैट

आपने कई मोटे लोगों को देखा होगा जिनका वजन बहुत बढ़ा हुआ रहता हैं। लेकिन सही खानपान और व्यायाम की मदद से इसे कम किया जा सकता हैं। कई बॉलीवुड सेलेब्रिटी हैं जो युवावस्था में बहुत मोटे हुआ करते थे लेकिन मेहनत कर उन्होनें मोटापा कम किया और शरीर की फैट गायब कर दी। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा हैं कि जब मोटापा कम होता हैं तो शरीर की फैट आखिर कहा चली जाती हैं। तो आइये आज जानते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में।

हमारे शरीर में जमा होने वाले फैट और कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त कैलोरी वसा कोशिकाओं के अंदर के रूप में जमा होती है और हमारा शरीर आगे के लिए ऊर्जा बचाकर रखता है। समय के साथ जब ऊर्जा का स्तर बढ़ जाता है, तब फैट हमारे शरीर में फैट बनने लगता है। इसी फैट के कारण शरीर बेडौल होने लगता है और हमारी सेहत को भी बहुत नुकसान पहुंचना है।

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वजन कम करने के लिए आप जितनी कैलोरी बर्न करते हैं, उससे कम मात्रा में कैलोरी का सेवन करना जरूरी होता है। शरीर के अनुसार, हर व्यक्ति में कैलोरी की जरूरत होती है। जब आप कम कैलोरी का सेवन करते हैं तो वसा कोशिकाएं पहले से जमा फैट को रिलीज कर ऊर्जा बनाने वाली कोशिकाओं माइटोकॉन्ड्रिया तक पहुंचाती हैं। यहां पर ऊर्जा बनाने के लिए फैट टूट जाता है। यह प्रक्रिया चलते रहने से फैट एनर्जी के रूप में इस्तेमाल होता रहता है और हमारा बॉडी फैट कम होने लगता है।

फैट कम होने की प्रक्रिया में वसा कोशिकाएं आकार में सिकुड़ने लगती है और हमारी शारीरिक संरचना में सकारात्मक बदलाव दिखता है। ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया में कोशिकाओं के अंदर फैट टूटता रहता है, जिससे दो बाईप्रोडक्ट यानी उपोत्पाद उत्सर्जित होते हैं- कार्बन डाइऑक्साइड और पानी। सांस छोड़ने के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड शरीर से बाहर निकल जाती है और पसीने और यूरीन के जरिए पानी बाहर निकल जाता है।

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मोटापा के कारण शरीर की संरचना बदलती है तो सबसे ज्यादा फैट पेट, कूल्हों और जांघों पर बढ़ता है। लोग सबसे पहले इन्हीं हिस्सों का फैट कम करना चाहते हैं। हालांकि यह अनुवांशिक कारकों पर निर्भर करता है कि शरीर के किस हिस्से से कितना फैट कम होगा। जब कोई कैलोरी या फैट बर्न करने से ज्यादा वसा का सेवन करते हैं तो वसा कोशिकाओं की संख्या और आकार दोनों बढ़ने लगते हैं। फैट कम होने की स्थिति में यही कोशिकाएं आकार में तो सिकुड़ती हैं, लेकिन संख्या वही रहती है।

मोटापा कम होने पर शरीर के आकार में बदलाव आता है, वह कोशिकाओं के सिकुड़ने की वजह से आता है, न कि कोशिकाओं की संख्या में कमी होने से। वजन कम होने की प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है। कुल मिलाकर वजन कम करने या मोटापा घटाने वाले लोगों के लिए सबसे जरूरी बात यही है कि कैलोरी ओर वसा कोशिकाओं को बर्न करना बहुत जरूरी है।

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