बच्चों का बुखार ना बन जाए परेशानी का कारण, ध्यान रखें ये बातें

By: Ankur Sat, 15 Sept 2018 09:36:24

बच्चों का बुखार ना बन जाए परेशानी का कारण, ध्यान रखें ये बातें

मानसून के दिन आ चुके हैं और ऐसे समय में बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से बच्चों की तबियत खराब होना और बुखार होना आम बात हैं। लेकिन यह आम समस्या तब खतरनाक हो जाती है जब इसका सही से ख्याल नहीं रखा जाए। जी हाँ, 3 दिन से ज्यादा बच्चों को बुखार होना किसी गंभीर संक्रमण की ओर संकेत करता हैं और ऐसे में जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाना ही उचित रहता हैं। इसके अलावा भी बच्चों के बुखार के समय कई बातें ध्यान रखने की जरूरत पड़ती हैं जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

* टेम्परेचर रिकॉर्ड करें
: सबसे पहले ये जांच करें कि क्या वास्तव में बच्चे का टेम्परेचर बढ़ा है। इसका सबसे बेहतर तरीका डिजिटल थर्मामीटर है। इससे सही टेम्परेचर का पता लगाया जा सकता है। बच्चे के माथे को छूकर भी इसका पता लगाया जा सकता है। हालांकि इससे सही अंदाजा नहीं हो पाता है। 37 डिग्री सेल्सियस या 97.8 डिग्री एफ टेम्परेचर सामान्य होता है।

* डॉक्टर को फोन करें : अगर आपको ऐसा लग रहा है कि बच्चे का टेम्परेचर बढ़ गया है तो आप तुरंत डॉक्टर को फोन करें और उससे सलाह लें। हालांकि सही तरीका ये है कि आप उसे क्लिनिक ले जाएं और पूरा चेक-अप कराएं। अगर ये संभव नहीं है तो ध्यानपूर्वक डॉक्टर की सलाह मानें।

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* कपड़ों की जांच करें : कई बार ज्यादा गर्म कपड़े पहनने के वजह से भी बच्चे का शरीर गर्म होने लगता है। ऐसे में उसके गर्म कपड़े उतार दें और उसे हल्के कपड़े पहनाएं। ध्यान रहे कि शरीर का गर्म हो जाना हमेशा बुखार का संकेत नहीं है।

* बच्चे के खानेपीने का रखें ख़्याल : हल्का बुखार होने पर बच्चे खानेपीने में रुचि नहीं दिखाते। ऐसे में उसे जबरदस्ती फीड ना दें। इसके बदले आप उन्हें भरपूर मात्रा में जूस और पानी पिलाएं।

* बच्चे को स्पंज बाथ दें : अगर आपको लग रहा है पेरासिटामोल की खुराक देने की बावजूद बच्चे का शरीर गर्म लग रहा है तो आप उसे ठंडा स्पंज बाथ दे सकते हैं। इसके लिए नॉर्मल पानी का इस्तेमाल करें ना कि फ्रिज के पानी का।

* बच्चे को आरामदायक अवस्था में रखें : बच्चे को बुखार होने पर परिजन उसे ढेर सारे कपड़े पहना देते हैं। पंखा और एसी बंद कर देते हैं। इसके बजाय वो करें जिससे बच्चा आराम महसूस करे। आप पंखे को बंद करने की बजाय उसकी स्पीड कम कर सकते हैं। इससे बच्चा सहज महसूस करेगा।

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