रमजान के रोजे / बड़ा सवाल - स्वास्थ्य संबंधी दिक़्क़तों से जूझ रहे लोग क्या करें?
By: Priyanka Maheshwari Sat, 25 Apr 2020 12:10:13
रमजान का चांद शुक्रवार की शाम नजर आया। जिसके बाद शहर काजी ने माहे रमजान का एलान कर दिया। आज रमजान का पहला रोजा है। लॉकडाउन के चलते लोगों ने घरों से ही इबादत की।
मुस्लिम धर्म मानने वाले हर ऐसे वयस्क शख्स के लिए रोज़े रखना अनिवार्य है जो कि बिना कुछ भी खाए-पिए सुरक्षित रह सकता है। रोजेदारों के लिए इस बार भी माहे रमजान में 14 घंटे से ऊपर का रोजा होगा। दून में रोजे का जो टाइम टेबल जारी किया गया है, उसके मुताबिक, पहला रोजा जहां 14 घंटे और 39 मिनट का होगा तो वहीं आखिरी रोजा 15 घंटे 27 मिनट का होगा। लेकिन, ऐसे वक़्त में जबकि हम एक महामारी के दौर से गुज़र रहे हैं, रोजे रखने को लेकर कुछ चिंताएं भी हैं। ऐसे लोग जो पहले से किसी बीमारी का शिकार हैं, और जो कोविड-19 से जूझ रहे हैं उन्हें रोजा रखने से छूट है।
डायबिटीज़ में मुश्किलों का सामना कर रहे और इसी तरह की दूसरी लॉन्ग-टर्म बीमारियों से पीड़ित लोगों को रोजा रखने की सलाह नहीं है।
डायबिटीज़ यूके के हेड ऑफ़ केयर डैनियल होवार्थ कहते हैं कि इसका फ़ैसला करना निश्चित तौर पर निजी मसला है, लेकिन जो लोग अच्छी तरह से अपनी बीमारियों को मैनेज किए हुए हैं वे कुछ सावधानियों के साथ रोजा रख सकते हैं।
इन सावधानियों में धीरे-धीरे कार्बोहाइड्रेट रिलीज़ करने वाली चीजें खाना शामिल है। इन चीजों में होलग्रेन ब्रेड और चावल समेत दूसरे उत्पाद आते हैं। इसके अलावा आपको जल्दी-जल्दी अपनी ब्लड शुगर चेक करना चाहिए।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ ससेक्स की इम्यूनोलॉजिस्ट डॉ। जेना मैकिओची कहती हैं कि संक्रमण से लड़ने के लिए काफ़ी ऊर्जा की ज़रूरत होती है। और लंबे वक़्त तक कुछ भी खाए-पिए बग़ैर रहने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।
ऐसे में यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि जिस दौरान आपको खाने-पीने की इजाज़त होती है, तब आप पर्याप्त कैलोरी ले लें।