स्मरणशक्ति को बढ़ाने में मददगार है सिद्धासन, जाने और फायदे
By: Ankur Thu, 21 June 2018 12:46:32
हर इंसान की ख्वाहिश होती है कि उसकी बुद्धि के किस्से दूर-दूर तक सुनाये जाए और उनके दिमाग की स्थिरता की बढाई चारों ओर की जाए। इसके लिए आपको अपनी स्मरणशक्ति को बढ़ाने की आवश्यकता होती है जो योग से पूरी की जा सकती हैं। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम आपको जिस आसन की विधि और फायदे बताने जा रहे हैं वो हैं सिद्धासन। तो चलिए जानते हैं सिद्धासन की विधि और फायदे के बारे में।
* सिद्धासन करने की विधि
सबसे पहले पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। फिर दाहिना पैर मोड़ें और लगभग दाई एड़ी के ऊपर बैठते हुए दाहिने तलवे को बाई जांघ के भीतरी भाग से इस प्रकार सटाकर रखें कि एड़ी का दबाव मूलाधार (प्रजनन अंग और गुदा के मध्य का भाग) पर रहे। यह सिद्धासन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। शरीर को व्यवस्थित कर आरामदायक स्थिति में लाएं और एड़ी के दबाव को थोड़ा अधिक बढ़ाएं। बाएं पैर को मोड़ें और बाएं टखने को सीधे दाहिने टखने पर इस प्रकार रखें कि टखनों की हड्डियां लगातर स्पर्श करें और एड़ियां एक-दूसरे के ऊपर रहें। फिर बाईं एड़ी से प्रजनन अंग के ठीक ऊपर स्थित जांघ के क्षेत्र पर दबाव डालें। इस प्रकार, प्रजनन अंग दोनों एड़ियों के बीच आ जायेगा। अगर इस आखरी अवस्था में आपको किसी भी तरह कष्ट महसूस हो तो केवल बाई एड़ी को जितना संभव हो जांघ के क्षेत्र के निकट रखें। बाएं पैर की उंगलियों था पंजे को दाहिनी पिंडली और जांघ की मांसपेशियों के बीच फसायें। यदि आवश्यक हो, तो हाथ के सहारे अथवा दाहिने पैर को अस्थायी रूप से थोड़ा व्यवस्थित कर इस स्थान को थोड़ा फैलाया जा सकता है। दाहिने पैर की उंगलियों को पकड़कर बाई पिंडली और जांघ के बीच में फसायें। पुनः शरीर को व्यवस्थित कर उसे आरामदायक स्थिति में लाएं। घुटने जमीन पर तथा बाई एड़ी ठीक दाहिनी एड़ी के ऊपर रखते हुए आपके पैर एक प्रकार से बंध जाएंगे। रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें और ऐसा महसूस करें कि आपका शरीर जमीन से जुड़ा है। हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखें। आंखों को बंद कर लें और पूरे शरीर को आराम दें। इस आसन को कम से दस मिनट तक करें।
* सिद्धासन करने के फायदे
- यह आसन स्मरणशक्ति को बढ़ाता है।
- इससे दिमाग भी स्थिर रहता है।
- ध्यान करने के लिए यह आसन बेहद उपयोगी है।
- इस आसन को करने से पुरुषों में यौन रोग दूर होता है।
- इस आसन से सकारत्मक सोच बढ़ती है।