जावेद अख्तर के बाद उनकी पत्नी शबाना ने 'पद्मावत' को लेकर बोली इतनी बड़ी बात...
By: Priyanka Maheshwari Sat, 27 Jan 2018 4:03:42
करणी सेना के भारी विरोध के चलते पद्मावत गुरुवार को देश के चार राज्यों को छोडक़र समस्त भारत में प्रदर्शित हो गई। दर्शकों में इस फिल्म को लेकर जबरदस्त क्रेज देखने को मिला और कमाई के मामले में इस फिल्म ने बॉलीवुड के तीनों खानों के साथ अक्षय, ऋतिक तक को पीछे छोडऩे में कामयाबी प्राप्त की है।
फिल्म निर्माण कम्पनी वॉयकॉम 18 ने जानकारी दी है कि ओपनिंग के दिन इस फिल्म को 10 लाख से ज्यादा दर्शकों ने देखा है। दर्शकों में इस फिल्म को लेकर उत्साह रहा है। फिल्म रिलीज़ होने के बावजूद अब भी फिल्म कई तरह के संघर्ष से गुजर रही है। वही भंसाली के लिए यह राहत की बात है कि फिल्म को क्रिटिक्स, दर्शक और इंडस्ट्री के लोगों का काफी प्यार मिल रहा है।
फिल्म देखने के बाद दिग्गज लेखक-गीतकार जावेद अख्तर ने अपनी पत्नी शबाना आजमी के साथ बुधवार रात संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म 'पद्मावत' देखी और उनका अनुभव पूरी तरह अलग रहा। उन्होंने सवाल किया कि प्रदर्शनकारी इस फिल्म के खिलाफ क्यों हैं, क्योंकि यह फिल्म तो 'राजपूत समुदाय के शौर्य और मूल्यों की गाथा है।'
अख्तर ने कहा, "मैंने फिल्म देखी और मुझे लगता है कि यह हाल के दिनों में भारतीय सिनेमा की एक सफल उपलब्धि है। मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि विरोध करने वाले लोग किस चीज का विरोध कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "यह फिल्म राजपूत समुदाय के शौर्य और मूल्यों की शुद्ध रूप से एक जोशपूर्ण गाथा है। यदि कोई यह कहता है कि यह फिल्म इस समुदाय (राजपूत) के सम्मान को ठेस पहुंचाती है तो यह इस फिल्म का अपमान है।"
वही जावेद अख्तर की पत्नी शबाना आजमी ने भी फिल्म देखने के बाद अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा है की फिल्म बेहतरीन है और भंसाली ने एक नया आयाम रचा है। हिंदी सिनेमा में ऐसी फिल्में कम बनती हैं। शबाना को तो फिल्म इतनी पसंद आ गई है कि उन्होंने कहा है कि इस फिल्म को भारत की तरफ से ऑस्कर में आधिकारिक तौर पर भेजा जाना चाहिए। शबाना का मानना है कि इस फिल्म को देखकर हर भारतीय को गर्व होगा और यह ऐसी फिल्म है जिसे हर भारतीय को देखना ही चाहिए। शबाना ने यह भी कहा है कि उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही कि इतना बड़ा विवाद क्यों खड़ा हुआ। उन्होंने यह भी कहा है कि राजस्थान में जब भंसाली पर शूटिंग के वक़्त पर हमला किया गया था, उसी वक्त अगर इस पर कार्यवाही हो जाती तो बात इतनी दूर तक नहीं पहुंचती।