कंगना को एक और नोटिस, गुरुद्वारा समिति ने भेजा कानूनी नोटिस

By: Pinki Fri, 04 Dec 2020 1:03:32

कंगना को एक और नोटिस, गुरुद्वारा समिति ने भेजा कानूनी नोटिस

कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने ट्वीट्स के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त करती रहती हैं लेकिन इस बार किसानों को लेकर किया उनका ट्वीट उनपर भारी पड़ता दिख रहा है। जबसे कंगना ने प्रोटेस्ट कर रही बुजुर्ग महिला को निशाना बनाया है उसके बाद से उन पर हर तरफ से जुबानी प्रहार किया जा रहा है। अब कंगना के खिलाफ दिल्ली सिख गुरुद्वारा के एक सदस्य द्वारा लीगल नोटिस भी जारी कर दी गई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (DSGMC) के एक सदस्य ने एक्ट्रेस कंगना रनौत को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि संविधान के तहत किसानों को भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन का हक है। वे किसानों का अपमान नहीं कर सकती हैं।

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी द्वारा जारी की गई लीगल नोटिस के मुताबिक-

- दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी एक द सिख गुरुद्वारा एक्ट, 1971 के तहत एक वैधानिक संस्था है जिसका मुख्य उद्देश्य सिख गुरुद्वारों की देखरेख और रोजमर्रा की गतिविधियों का संचालन करना है। ये संस्था दिल्ली में रहने वाले सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करती है।

- दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी उन किसानों के समर्थन में है जो सरकार द्वारा लाए गए फार्म बिल का विरोध कर रहे हैं।

- हम आपके (कंगना रनौत) ट्विटर अकाउंट पर किए जा रहे ट्वीट्स पर नजर बनाए हुए हैं और 29 नवंबर, 2020 को आपने किसान आंदोलन में विरोध कर रही दादी के खिलाफ ट्वीट किया। आपने लिखा- हाहाहा, ये वही दादी है जिसे टाइम मैगजीन में सबसे ताकतवर भारतीय के तौर पर पेश किया गया था। वे 100 रुपए में तैयार हैं। पाकिस्तानी पत्रकारों ने इंटरनेशनल पीआर का उपयोग भारत के लिए बड़ी शर्मिंदगी भरे तरीके से किया है। हमें वैश्वकि स्तर पर अपने हित में बोलने के लिए अपने ही लोगों की जरूरत है।

आपने इस ट्वीट के साथ दो बुजुर्ग महिलाओं की तस्वीर लगाई है जिसे दुर्भाग्यवश लाखों लोगों द्वारा सिर्फ देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में देखा जा चुका है।

- आपके द्वारा इस ट्वीट में अपानजनक भाषा का उपयोग किया गया है। ना सिर्फ ट्वीट में एक बुजुर्ग महिला को हर रोज 100 रुपए के लिए मौजूद बताकर अपमानित किया गया है बल्कि प्रोटेस्ट कर रहे फार्मर्स का भी मजाक उड़ाया गया है और उन्हें बहकाए गए टुकड़े गैंग कह कर भी संबोधित किया गया है जोकि गलत है।

- आपको ये सूचित करना जरूरी हो चला है कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना भारतीय संविधान का हिस्सा है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। आप का कोई हक नहीं बनता कि आप इस तरह से सरेआप किसी पर उंगली उठाएं। आपको ये बताना भी जरूरी है कि देश का संविधान किसी सहूलियत और ओहदे के हिसाब से कुछ लोगों के लिए नहीं है बल्कि ये देश में रह रहे हर एक नागरिक का हक है।

- आपका ध्यान इस ओर भी जाना चाहिए कि कई सारी मीडिया रिपोर्ट्स द्वारा इस बात की पुष्टि की जा रही है कि तस्वीर में जो दो बुजुर्ग महिलाएं नजर आ रही हैं वो एक नहीं हैं बल्कि अलग-अलग हैं। आपके द्वारा ये ट्वीट पूरी तरह से मीडिया कवरेज और पब्लिसिटी के लिहाज से किया गया है। आपको उस बुजुर्ग महिला के खिलाफ बोलने और दुनियाभर में भारत के किसानों की छवि खराब करने का भी कोई हक नहीं है।

- आपको ये सूचित किया जाता है कि आपने अपने ट्वीट्स के जरिए किसानों की मेहनत पर पानी फेरने का काम किया है। इस देश में शांतिपूर्ण तरीके से सभी को अपनी बात रखने का पूरा हक है। हम सभी किसानों की इस लड़ाई में एक साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे। साथ ही आपके द्वारा किए गए इस अपमान को गंभीरता से लिया जाएगा।

- आपको ये सूचित किया जाता है कि आपने शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे किसानों के आंदोलन को सोशल मीडिया पर अपनी गलत फैन फॉलोइंग का इस्तेमाल कर के एक राजनैतिक रंग देने की कोशिश की है। आपने समाज में एकता को भंग करने की कोशिश की है। इससे पहले कि सोशल मीडिया पर किसानों द्वारा चल रहे प्रदर्शन की गलत छवि लोगों तक फैले आपने ये जितने सारे हेट ट्वीट्स किए हैं इसकी सफाई देनी होगी।

- नोटिस में कहा गया, 'कई खबरों में दावा किया गया कि दोनों महिलाएं अलग-अलग हैं और अगर नहीं भी हैं तो उन्हें अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसी बुजुर्ग महिला को अपमानित करने का अधिकार नहीं है। यह साफतौर पर नफरत फैलाने वाला पोस्ट है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जल्द से जल्द इस पर कदम उठाने की जरूरत है।’

- आपको एक हफ्ते के अंदर अपने द्वारा शेयर किए गए सभी हेट्स ट्वीट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर से हटाना होगा। साथ ही अपनी इस हरकत के लिए माफी भी मांगनी होगी। ऐसा ना किए जाने की स्थिति में हमारी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी कि आपके खिलाफ लॉ के अंतरगत कठोर एक्शन लिया जाए।

कमेटी के सदस्य जस्मैन सिंह नोनी की ओर से वकील हरप्रीत सिंह होरा ने नोटिस में कहा है कि जब मुंबई में कंगना के ऑफिस के एक हिस्से को तोड़ा गया तो उन्होंने अपने प्रशंसकों को एकजुट करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। उस समय उन्होंने कहा कि निगम की कार्रवाई उनके मौलिक अधिकारों पर हमला है। इसी तरह किसानों को भी मौलिक अधिकारों के तहत प्रदर्शन का अधिकार है।

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