अमिताभ बच्चन विशेष : ‘डॉन’ पहले हुई असफल फिर बनी ब्लॉकबस्टर, अमिताभ को मिला फिल्मफेयर अवार्ड

By: Geeta Fri, 08 Feb 2019 12:14:29

अमिताभ बच्चन विशेष : ‘डॉन’ पहले हुई असफल फिर बनी ब्लॉकबस्टर, अमिताभ को मिला फिल्मफेयर अवार्ड

अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) 15 फरवरी को अपने करियर के 50 वर्ष पूरे करने जा रहे हैं (Amitabh Bachchan 50 Years in Bollywood)। अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की सफलता का सिलसिला 1973 में प्रदर्शित हुई ‘जंजीर’ से चला। इस फिल्म और इसके बाद की फिल्मों से अमिताभ बच्चन को ‘एंग्री यंगमैन’ का खिताब मिला जो उनके चरित्र भूमिकाओं में आने तक उनके पास रहा। आज भी उन्हें इसी नाम से पुकारा जाता है। अपने करियर में अमिताभ ने असफलता के बाद सफलता और फिर असफलता का दौर भी देखा है। जिन दिनों अमिताभ सफलता के हवाई घोड़े पर सवार थे, उन्हीं दिनों उनकी फिल्म ‘डॉन’ का एक रोचक किस्सा है जो हम अपने पाठकों को बताने जा रहे हैं।

amitabh bachchan,amitabh bachchan 50 years in bollywood,don movie,amitabh bachchan don,bollywood,bollywood gossips hindi ,अमिताभ बच्चन,डॉन,जंजीर

वर्ष 1972 में नरीमन ईरानी द्वारा बनाई गई फिल्म ‘जिन्दगी-जिन्दगी’, जिसमें सुनील दत्त थे, बॉक्स ऑफिस पर असफल हो गई थी। इस फिल्म की असफलता ने उन्हें आर्थिक संकट में ला दिया था और वे 1 करोड़ से ज्यादा की रकम के कर्ज में दबे थे। एक छायाकार के वेतन से वे इस कर्ज को नहीं चुका पा रहे थे। वर्ष 1974 में नरीमन ईरानी मनोज कुमार की फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ का छायांकन कर रहे थे, तो फिल्म के कलाकारों अमिताभ बच्चन, जीनत अमान व प्राण और सहायक निर्देशक चन्द्रा बरोट ने उनकी मदद करने का फैसला किया। इन सभी ने नरीमन से सिफारिश की कि वे एक और फिल्म का निर्माण करें और वे सब इसके निर्माण में भाग लेंगे। यह चारों मिलकर सलीम जावेद से मिले, जिन्होंने उन्हें बिना नाम वाली पटकथा दी, जिसे पहले ही पूरा फिल्म उद्योग अस्वीकार कर चुका था। छायाकार नरीमन ईरानी ने इस फिल्म का विचार चन्द्रा बरोट को बताया जिन्होंने इस फिल्म को सुधारते हुए ‘डॉन’ बनाया। पटकथा में डॉन नाम का एक किरदार था। तय किया गया कि अमिताभ फिल्म में ‘डॉन’ की भूमिका निभाएंगे और चन्द्रा बरोट इसका निर्देशन करेंगे। जीनत अमान और प्राण फिल्म में दूसरी मुख्य भूमिकाओं में होंगे।

इस फिल्म को बनने में साढे तीन साल लग गए। फिल्मांकन पूरा होने से पहले निर्माता नरीमन ईरानी, एक दूसरी फिल्म के सेट पर काम करते हुए एक्सीडेंट का शिकार हो गए, जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। चन्द्रा बरोट को फिल्म प्रदर्शित करने और पूरा करने में वित्तीय संकटों से जूझना पड़ा लेकिन उन्हें सहायता प्राप्त हुई। चन्द्रा बरोट ने फिल्म अपने गुरु मनोज कुमार को दिखाई, जिन्होंने महसूस किया कि फिल्म बहुत ज्यादा टाइट है, फिल्म के क्लाइमैक्स से पूर्व उन्हें एक गीत की आवश्यकता महसूस हुई, जिसके चलते इसमें ‘खाइके पान बनारस वाला’ गीत जोड़ा गया।

amitabh bachchan,amitabh bachchan 50 years in bollywood,don movie,amitabh bachchan don,bollywood,bollywood gossips hindi ,अमिताभ बच्चन,डॉन,जंजीर

12 मई, 1978 को ‘डॉन’ को बिना किसी प्रमोशन के प्रदर्शित किया गया और उसे पहले सप्ताह में फ्लॉप घोषित कर दिया गया। लेकिन फिल्म के क्लाइमैक्स से पूर्व जोड़ा गया ‘खाइके पान बनारस वाला’ लोगों की जुबान पर चढ़ गया था। जिन दर्शकों ने फिल्म को देखा उनके द्वारा की गई माउथ पब्लिसिटी ने दूसरे सप्ताह में कमाल किया। फिल्म की किस्मत उलट गई और फिल्म को ब्लॉकबस्टर घोषित किया गया। यह वर्ष 1978 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई वाली फिल्म थी। फिल्म से होने वाला मुनाफा नरीमन ईरानी की विधवा पत्नी को उनके पति के कर्ज को चुकाने के लिए दिया गया।

amitabh bachchan,amitabh bachchan 50 years in bollywood,don movie,amitabh bachchan don,bollywood,bollywood gossips hindi ,अमिताभ बच्चन,डॉन,जंजीर

‘खाइका पान बनारस वाला’ को कल्याण जी आनन्द जी ने देव आनन्द की फिल्म ‘बनारसी बाबू’ के लिए संगीतबद्ध किया था। लेकिन सम्पादन के वक्त देवआनन्द को इस गीत की आवश्यकता महसूस नहीं हुई और उन्होंने इसे फिल्म से हटा दिया। इसे फिर कल्याणजी आनन्दजी ने ‘डॉन’ में रखा जो अमिताभ बच्चन और जीनत अमान पर फिल्माया गया। फिल्म संगीत विशेषज्ञ राजेश सुब्रह्मण्यम के अनुसार, ‘‘खाइके पान बनारस वाला’’ गीत को कल्याणजी आनन्दजी के छोटे भाई बाबला द्वारा संगीतबद्ध किया गया था। इस गीत को पी.एल. राज ने कोरियोग्राफ किया था। इस गीत के लिए किशोर कुमार को फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। आशा भौंसले को भी इस फिल्म के गीत ‘ये मेरा दिल प्यार का दीवाना’ के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। अमिताभ बच्चन को ‘डॉन’ के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था। ‘डॉन’ को 70 लाख के बजट में बनाया गया था, जिसे यदि आज के हिसाब से देखें तो इसका बजट 25 करोड़ से ज्यादा का बैठता है।

‘डॉन’ को लेकर एक और किस्सा मशहूर है। उत्तरप्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में यह फिल्म पहले सप्ताह असफल हो गई थी। वितरक को सिनेमाघरों से फिल्म उतारनी पड़ी। एक सप्ताह के अन्तराल के बाद उसने ‘डॉन’ को कानपुर रेलवे स्टेशन के सामने बने छविगृह ‘मंजूश्री’ में इसको घटी दरों पर लगाया। ‘मंजूश्री’ नामक इस सिनेमाघर को आमबोल में घटिया सिनेमाघर कहा जाता था, लेकिन ‘डॉन’ ने इसकी किस्मत बदल दी। फिल्म ने वहाँ पर गोल्डन जुबली मनाई थी। कहते हैं कानपुर शहर में ‘डॉन’ के बाद ही घटी दरों पर फिल्मों के प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ था।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए बॉलीवुड, टीवी और मनोरंजन से जुड़ी News in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com