लिंगभेद के मामले में निष्पक्ष हूँ, मुझे 15 साल बाद मिली सफलता: मेघना गुलजार
By: Geeta Fri, 25 Jan 2019 5:28:55
बॉलीवुड के आंगन में इन दिनों मेघना गुलजार चुपचाप से चहलकदमी कर रही हैं। गत वर्ष ‘राजी’ सरीखी फिल्म देने वाली यह फिल्मकार इन दिनों अपने आगामी प्रोजेक्ट पर विचार कर रही है। दीपिका पादुकोण को लेकर एक और बायोपिक ‘छपाक’ के नाम से वे शुरू करने जा रही हैं। दो दिन पूर्व वे मुम्बई से जयपुर आई थी जहाँ उन्होंने जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल में अपने पिता गुलजार के साथ शिरकत की थी। फिल्म उद्योग में उन्हें लोग बोस्की के नाम से जानते हैं जो उनके पिता द्वारा दिया गया पेट नेम है।
जयपुर लिटरेचर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वह लिंगभेद के मामले में पूरी तरह निष्पक्ष हैं। मैं लिंगभेद के मामले में बहुत निष्पक्ष हूं। मैं चीजों को इस तरह के किसी चश्मे से नहीं देखती हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या बॉलीवुड में सफलता के लिए कोई नियम है, फिल्म ‘राजी’ की निर्देशक ने कहा, भारतीय फिल्म उद्योग में सफलता प्राप्त करने का कोई नियम नहीं है। कुछ लोगों को करियर के पहले साल ही सफलता मिल जाती है। तो वहीं, कुछ मेरी तरह 15 साल में इसे हासिल करते हैं। मेघना ने आगामी निर्देशकों को अस्वीकृति, असफलता के लिए तैयार रहने और कड़ी मेहनत करने व और अपने दिल से सच बोलने की सलाह दी।
जयपुर लिटरेचर में अपने पिता के बारे में उन्होंने कहा, पिता के बचपन को करीब से जाना और उनकी जिन्दगी में माँ की कमी को महसूस किया। उन्हें नहीं पता था कि उनकी माँ कैसी दिखती थीं। एक रिश्तेदार ने उन्हें एक महिला की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनके जैसी। चूंकि उनका एक दांत सोने का था इसलिए उनकी याद में माँ की वही तस्वीर है।
जब मेघना से यह पूछा गया कि क्या कभी उनके पिता ने उन्हें डांटा है तो उन्होंने कहा, ‘जब मैं तीसरी क्लास में थी, तब एक दिन पड़ोस में सारे बच्चे बाहर खेल रहे थे और मैं पियानो सीख रही थी। मैंने कहा—मैं भी खेलने जाऊंगी। तो पापी (गुलजार को मेघना इसी नाम से बुलाती हैं)’ ने कहा, तुम यहीं बैठकर पहले पियानो पर रियाज करोगी। उस दिन समझ गई कि किस दायरे के भीतर रहना है।