Flashback 2018: दक्षिण भारतीय फिल्मों के हिन्दी वर्जन की कमाई ने चौंकाया
By: Geeta Wed, 26 Dec 2018 4:29:57
वर्ष 2018 बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस के लिए खुशियों भरा रहा। पूरे बारह महीनों में कुल मिलाकर दो दर्जन फिल्मों ने स्वयं को 100 करोडी क्लब में शामिल करवाया। वहीं दूसरी ओर कुछ छोटे बजट की फिल्मों ने अपनी सफलता से चौंकाया। एक तरफ जहाँ बडे सितारों (आमिर खान-शाहरुख खान-सलमान खान) की फिल्मों ने असफलता का मुंह देखने के बाद भी 100 करोड क्लब में स्वयं को पहुँचाया वहीं दक्षिण भारतीय भाषाओं में बनी फिल्मों के हिन्दी वर्जन ने अपनी कमाई से अपने फैलते दायरे का अहसास करवाया। एस.एस. राजामौली के निर्देशन में बनी बाहुबली और बाहुबली-2 के बाद हिन्दी में दक्षिण भारतीय फिल्मों को प्रदर्शित करने का प्रचलन जोर पकड रहा है। दर्शक अब वहाँ के सुपर सितारों को भी अपने यहाँ देखना चाहता है। इसी के चलते इस वर्ष प्रदर्शित हुई ‘2.0’ और ‘केजीएफ चैप्टर-1’ ने व्यापक सफलता पाई।
रजनीकांत की फिल्म ‘2.0’ में अक्षय कुमार ने नकारात्मक भूमिका निभाई और इस फिल्म को न केवल दक्षिण भारत के दर्शकों ने पसंद किया बल्कि यह हिंदी क्षेत्र के दर्शकों को भी अपनी तरफ खींचने में कामयाब रही। बॉलीवुड में इस चीज को समझने वालों में जो पहला नाम सामने आता है, वह करण जौहर और राजेश थडानी का है। उन्होंने ‘बाहुबली’, ‘बाहुबली-2’ और एस शंकर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘2.0’ को हिंदी के दर्शकों के बीच पहुंचाने का काम किया।
वितरक राजेश थडानी का मानना है कि करण जौहर ‘बाहुबली’ को हिंदी दर्शकों के बीच में लेकर आए इसलिए वह यहां प्रदर्शित हो पाई। इन फिल्मों ने हिंदी क्षेत्रों में अच्छी कमाई की। ‘बाहुबली-2’ के हिन्दी वर्जन ने बॉक्स ऑफिस पर 511 करोड का कारोबार करके एक ऐसा इतिहास लिखा है जिसे आने वाले कई वर्षों तक शायद ही कोई हिन्दी फिल्म तोड पाए। ‘बाहुबली’, ‘बजरंगी भाईजान’ और आने वाली फिल्म ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी’ के लेखक केवी विजयेंद्र प्रसाद का कहना है कि किसी भी फिल्म को अलग-अलग क्षेत्र के दर्शकों के हिसाब से बनाने के लिए भावनाओं और दृश्यों का जबर्दस्त समागम आवश्यक है। गौरतलब है कि के.वी. विजयेन्द्र प्रसाद निर्देशक एस.एस.राजामौली के पिता हैं।
अपने एक साक्षात्कार में प्रसाद ने बताया कि लोग बिना यह सोचे फिल्म देखने को तैयार हैं कि इसे किसने बनाया है और इसमें कौन काम कर रहा है। क्षेत्रों के दायरे से आगे बढऩे वाली फिल्म सिर्फ दक्षिण भारत की ही नहीं है बल्कि बॉलीवुड की फिल्म भी इससे गुजर रही है। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ ने पूरे भारत में अच्छी कमाई की थी। सिनेमा उद्योग के विश्लेषकों का मानना है कि अलग-अलग क्षेत्रों में फिल्मों के पसंद किए जाने की वजह से मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और यह भारतीय सिनेमा को वैश्विक पटल पर ले जाएगा।