'सदमा' से लेकन 'मॉम' तक ये हैं श्रीदेवी की 8 बेहतरीन फ़िल्में
By: Ankur Mon, 26 Feb 2018 2:51:35
बॉलीवुड कि दिग्गज एक्ट्रेस 'श्री देवी' का नाम सुनते ही आँखों के सामने उनकी कई फिल्मों कि झलक आने लगती हैं। एक मशहूर अदाकारा जो अब इस दुनिया में नहीं रहीं, लेकिन उनकी फिल्मों से उनको कभी नहीं भुलाया जा सकता। 1983 से ‘हिम्मतवाला’ के जरिए शुरू हुआ सफलतम करियर 1997 ‘जुदाई’ तक जारी रहा। 15 साल लम्बे सफल करियर में उन्होंने बहुत सी फिल्मों में काम किया। अपने सफलतम करियर में उन्हें पाँच बार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2013 में उन्हें भारत सरकार द्वारा फिल्मों में दिए गए योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। श्री देवी ने अपनी फिल्मों में कई रोल अदा किये और उनको अपनी एक्टिंग से सदा के लिए यादगार बना दिया। वैसे तो श्री देवी ने हर फिल्म में अपना किरदार बखूबी निभाया, लेकिन आज हम आपको उनकी कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जो उनके करियर के सबसे बेहतरीन फ़िल्में रहीं। तो आइये जनते हैं श्री देवी की बेहतरीन फ़िल्में।
* नागीन
साल 1986 में आई इस फिल्म ने श्रीदेवी को घर घर में मशहूर कर दिया था। इस फिल्म में उनके इच्छाधारी नागिन के रूप को बाहद पसंद किया गया था।
* सदमा
बालू महेंद्र के डायरेक्शन में 1983 में बनी फिल्म सदमा में श्रीदेवी कमल हासन के अपोजिट काम कर रही थी। लेकिन तारीफ कमल हासन से ज्यादा श्रीदेवी के काम की हुई थी। श्रीदेवी ने फिल्म में एक दुर्घटनाग्रस्त लड़की का किरदार निभाया था जिसके दिमाग का विकास नहीं हो पाता।
* चालबाज
यह सीता गीता से प्रेरित फिल्म थी, लेकिन श्रीदेवी का अभिनय इस फिल्म को ऊंचाइयों पर ले जाता है। इस फिल्म में कई ऐसे कमाल के सीन हैं जो केवल श्रीदेवी की अभिनय क्षमता को ध्यान में रख कर लिखे गए थे। हमेशा की तरह वे इस फिल्म में भी ग्लैमरस लगीं।
* मिस्टर इंडिया
अपने वक्त की सुपर हिट और सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म मिस्टर इंडिया भी श्रीदेवी के खाते में ही जाती है। फिल्म में श्रीदेवी ने ये साबित किया की एक आम किरदार एक्टर कैसे खास बना सकता है। फिल्म कॉमेडी ड्रामा है और श्रीदेवी की कॉमिक टाइमिंग का पूरा बॉलीवुड लोहा मानता है।
* चांदनी
यश चोपड़ा की फिल्म चांदनी में श्रीदेवी के काम को एक बार फिर लोगों ने खूब पसंद किया। 1989 में आई इस फिल्म में उनके अपोजिट ऋषि कपूर थे।
* लम्हें
चांदनी में उनके काम से यश चोपड़ा इतने प्रसन्न हुए की उन्हें अपनी अगली फिल्म लम्हें का ऑफर दे दिया। साल 1991 आई इस फिल्म में उन्होंने अपने से काफी बडे़ शख्स के साथ मोहब्बत कर बैठती हैं।
* इंग्लिश -विंग्लिश
कई सालों तक फिल्मों से दूरी बनाने के बाद श्रीदेवी से 2012 में फिल्म इंग्लिश -विंग्लिश से वापसी की। इस फिल्म में उनके साथ बेहतरीन ऐक्टरआदिल हुसैन थे। लेकिन इसके बाद भी लोगों ने श्रीदेवी के काम को ज्यादा सराहना दी ये सब बस श्रीदेवी के लिए ही मुमकिन था।
* मॉम
श्रीदेवी की अंतिम प्रदर्शित हिंदी फिल्म जो उनकी मौत से कुछ माह पूर्व रिलीज हुई। देवकी सबरवाल अपनी बेटियों की रक्षा के लिए एक ममतामयी मां से दुर्गा बन कर दुश्मनों को सबक सिखाती है। श्रीदेवी ने इस विश्वसनीयता के साथ यह भूमिका निभाई कि पूरी फिल्म में दर्शकों की सहानुभूति उनके किरदार के साथ रहती है।