शीतला अष्टमी 2020 : जानें बसौडा की पूर्ण व्रत विधि

By: Ankur Sun, 15 Mar 2020 07:57:06

शीतला अष्टमी 2020 : जानें बसौडा की पूर्ण व्रत विधि

चैत्र महीने की अष्टमी को बसौड़ा की पूजा माता शीतला को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। शीतला माता को समर्पित इस दिन को बासी भोजन खाया जाता हैं जिसकी तैयारी एक दिन पहले ही कर ली जाती हैं। शीतला माता की पूजा से चेचक रोग का निवारण होता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बसौडा की पूर्ण व्रत विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

- व्रती को इस दिन प्रातःकालीन कर्मों से निवृत्त होकर स्वच्छ व शीतल जल से स्नान करना चाहिए।

- स्नान के पश्चात निम्न मंत्र से संकल्प लेना चाहिए – ‘मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्ये’

- शीतला सप्तमी या अष्टमी का व्रत केवल चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को होता है और यही तिथि मुख्य मानी गई है। किंतु स्कन्दपुराण के अनुसार इस व्रत को चार महीनों में करने का विधान है।

- संकल्प के पश्चात विधि-विधान तथा सुगंधयुक्त गंध व पुष्प आदि से माता शीतला का पूजन करें।

- इसके पश्चात एक दिन पहले बनाए हुए (बासी) खाद्य पदार्थों, मेवे, मिठाई, पूआ, पूरी, दाल-भात आदि का भोग लगाएं।

- यदि आप चतुर्मासी व्रत कर रहे हो तो भोग में माह के अनुसार भोग लगाएं। जैसे- चैत्र में शीतल पदार्थ, वैशाख में घी और शर्करा से युक्त सत्तू, ज्येष्ठ में एक दिन पूर्व बनाए गए पूए तथा आषाढ़ में घी और शक्कर मिली हुई खीर।

- तत्पश्चात शीतला स्तोत्र का पाठ करें और शीतला अष्टमी की कथा सुनें।

- रात्रि में जगराता करें और दीपमालाएं प्रज्ज्वलित करें।

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