आखिर क्यों कृष्ण ने अपने ही हाथों पर किया था कर्ण का अंतिम संस्कार, आइये जानें
By: Ankur Thu, 10 Oct 2019 07:25:57
महाभारत के दौरान दानवीर कर्ण के बार में तो सभी जानते हैं जिन्होनें अपनी जान की परवाह ना करते हुए भी अपने कवच और कुंडल दान कर दिए थे। दानवीर कर्ण कौरवों की तरफ से पांडवों के खिलाफ युद्ध में खड़े हुए थे।लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्ण का अंतिम संस्कार कृष्ण के हाथों पर हुआ हैं जो कि उन्होनें वरदान में मांगा था। तो आइये जानते है इस पूरी कहानी के बारे में। जब जब कर्ण मृत्युशैया पर थे तब कृष्ण उनके पास उनके दानवीर होने की परीक्षा लेने के लिए आए। कर्ण ने कृष्ण को कहा कि उसके पास देने के लिए कुछ भी नहीं है। ऐसे में कृष्ण ने उनसे उनका सोने का दांत मांग लिया।
कर्ण ने अपने समीप पड़े पत्थर को उठाया और उससे अपना दांत तोड़कर कृष्ण को दे दिया। कर्ण ने एक बार फिर अपने दानवीर होने का प्रमाण दिया जिससे कृष्ण काफी प्रभावित हुए। कृष्ण ने कर्ण से कहा कि वह उनसे कोई भी वरदान मांग़ सकते हैं। कर्ण ने कृष्ण से कहा कि एक निर्धन सूत पुत्र होने की वजह से उनके साथ बहुत छल हुए हैं। अगली बार जब कृष्ण धरती पर आएं तो वह पिछड़े वर्ग के लोगों के जीवन को सुधारने के लिए प्रयत्न करें। इसके साथ कर्ण ने दो और वरदान मांगे।
दूसरे वरदान के रूप में कर्ण ने यह मांगा कि अगले जन्म में कृष्ण उन्हीं के राज्य में जन्म लें और तीसरे वरदान में उन्होंने कृष्ण से कहा कि उनका अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहां कोई पाप ना हो। पूरी पृथ्वी पर ऐसा कोई स्थान नहीं होने के कारण कृष्ण ने कर्ण का अंतिम संस्कार अपने ही हाथों पर किया। इस तरह दानवीर कर्ण मृत्यु के पश्चात साक्षात वैकुण्ठ धाम को प्राप्त हुए।