सुख-शांति का नाश करता हैं घर का गलत वास्तु, जानें इसके महत्वपूर्ण नियम

By: Ankur Thu, 05 Sept 2019 07:57:07

सुख-शांति का नाश करता हैं घर का गलत वास्तु, जानें इसके महत्वपूर्ण नियम

वास्तु शास्त्र ज्योतिष विद्या का ही एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व रखता हैं। व्यक्ति के जीवन में आने वाली कई विपदाओं और समस्याओं का कारण कई बार वास्तुदोष ही बनता हैं। घर का गलत वास्तु सुख-शांति का नाश करता हैं और परिवार के लोगों में कलह पैदा करता हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते या मकान बनाते समय वास्तु का ध्यान रखा जाए ताकि कोई परेशानी ना हो। तो आइये आज हम बताते हैं आपको घर में वास्तु के अनुसार किस दिशा में क्या बनाया जाना चाहिए।

किचन बनाएं इस दिशा में
रसोईघर यानी किचन यदि सही दिशा में न हो तो ये परिवार में बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए रसोईघर की दिशा वास्तुशास्त्र के अनुसार जान कर उसे वहीं बनाएं। रसोईघर हमेशा घर के आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्वी दिशा में होना चाहिए। यह दिशा अग्नि देव की होती है। यदि दक्षिण-पूर्व दिशा नहीं मिल पा रही किचन के लिए तो आप उत्तर-पश्चिम दिशा भी रख सकते हैं।

vastu tips in hindi,vastu tips of home,home direction according vastu ,वास्तु टिप्स, वास्तु टिप्स हिंदी में, घर के वास्तु टिप्स, वास्तु के अनुसार घर की दिशा

बेडरूम का स्थान
वास्तु के अनुसार घर में बेडरूम दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या उत्तर-पश्चिम (वायव्य) की ओर होना चाहिए। यदि आपका घर कई मंजिला है तो अपना मास्टर बेडरूम ऊपरी मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने पर बनाएं। याद रखें कभी भी बेडरूम में शीशा न रखें और न ही दरवाजे के सामने बेड। सोते समय पैर दक्षिण और पूर्व दिशा में न करें। बेड ऐसे रखें की आपका सोते समय पैर उत्तर दिशा की ओर हो, इससे स्वास्थ्य और आर्थिक स्थित दोनों ही बेहतर होंगे।

बाथरूम और टॉयलेट
बाथरुम और टॉयलेट कभी साथ-साथ न बनाएं क्योंकि बाथरुम में चंद्रमा और टॉयलेट में राहू का वास माना गया है। इन दोनों का साथ होने का मतलब है चंद्रग्रहण। ये आपके घर में कलह का कारण बन सकता है। बाथरुम हमेशा पूर्व दिशा में हो या नहाते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर की ओर हो। वहीं टॉयलेट नैऋत्य कोण यानी पश्चिम-दक्षिण दिशा में हो। यानी टॉयलेट पश्चिम दिशा के मध्य या दक्षिण दिशा के मध्य होना चाहिए। टॉयलेट की सीट पर बैठते समय आपका मुख दक्षिण या उत्तर की ओर होना चाहिए।

vastu tips in hindi,vastu tips of home,home direction according vastu ,वास्तु टिप्स, वास्तु टिप्स हिंदी में, घर के वास्तु टिप्स, वास्तु के अनुसार घर की दिशा

पूजाघर का स्थान बेहद महत्वूपर्ण
घर में पूजा के कमरे का स्थान सबसे महत्वूपर्ण माना गया है। यदि ये सही जगह पर न हो या पूजाघर की जगह कुछ अन्य चीजे रखी गईं हो तो इससे बहुत ही बुरा प्रभाव घर पर पड़ता है। मन की शांति और घर के चौमुखी विकास के लिए पूजाघर का स्थान उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण पर ही होना चाहिए। क्योंकि ये ही देवताओं का स्थान होता है। यह भी ध्यान रखें की पूजाघर के ऊपर या नीचे कभी टॉयलेट या रसोईघर न हो। इतना ही नहीं इसे सट कर भी न हो। सीढ़ियों के नीचे यदि पूजाघर बनाने की सोच रहे तो ये विचार भी बदल लें। पूजा घर हमेशा ग्राउंड फ्लोर पर रखें।

कहां होना चाहिये भवन का मुख्य द्वार
वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि किसी घर-ऑफिस का मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर में ही होना चाहिए। सबसे श्रेष्ठ यही दिशाएं होती हैं। पूर्व दिशा में मुख्य द्वार होने से सूर्य कि किरणें अपने साथ नकारातमकता को हर लेती हैं। उत्तरमुखी भवन में लगाए जाने वाले मुख्य दरवाजे को चौकोर ही रखें। इसे गोल आकार या कोई अन्य आकार न दें। उत्तर की ओर खुला छत रखना चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहे।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com