आज है हरियाली तीज का व्रत, जानें इसकी पूर्ण पौराणिक कहानी

By: Ankur Sat, 03 Aug 2019 06:23:48

आज है हरियाली तीज का व्रत, जानें इसकी पूर्ण पौराणिक कहानी

सावन शुक्ल की तृतीया को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता हैं। जिसे छोटी तीज, हरतालिका तीज, श्रावणी तीज या कजली तीज के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन सभी महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पूर्ण विधिपूर्वक पूजन के साथ ही व्रत भी रखती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज ही के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ। आज हम आपको हरियाली तीज व्रत से जुडी पौराणिक व्रत कथा की जानकारी देने जा रहे है जो कि व्रत के दौरान भी सुनी जाती हैं। तो आइये जानते हैं हरियाली तीज व्रत की पौराणिक कथा के बारे में।

माना जाता है कि इस कथा को भगवान शिव ने पार्वती जी को उनके पूर्व जन्म के बारे में याद दिलाने के लिए सुनाया था। कथा कुछ इस प्रकार है–

शिवजी कहते हैं: हे पार्वती। बहुत समय पहले तुमने हिमालय पर मुझे वर के रूप में पाने के लिए घोर तप किया था। इस दौरान तुमने अन्न-जल त्याग कर सूखे पत्ते चबाकर दिन व्यतीत किया था। मौसम की परवाह किए बिना तुमने निरंतर तप किया। तुम्हारी इस स्थिति को देखकर तुम्हारे पिता बहुत दुःखी और नाराज़ थे। ऐसी स्थिति में नारदजी तुम्हारे घर पधारे।

astro tips,astro tips in hindi,hariyali teej,hariyali teej 2019,hariyali teej mythological story ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, हरियाली तीज व्रत, हरियाली तीज व्रत 2019, हरियाली तीज व्रत की पौराणिक कथा

जब तुम्हारे पिता ने उनसे आगमन का कारण पूछा तो नारदजी बोले – ‘हे गिरिराज! मैं भगवान् विष्णु के भेजने पर यहाँ आया हूँ। आपकी कन्या की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर वह उससे विवाह करना चाहते हैं। इस बारे में मैं आपकी राय जानना चाहता हूँ।’ नारदजी की बात सुनकर पर्वतराज अति प्रसन्नता के साथ बोले- हे नारदजी। यदि स्वयं भगवान विष्णु मेरी कन्या से विवाह करना चाहते हैं तो इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती। मैं इस विवाह के लिए तैयार हूं।”

शिवजी पार्वती जी से कहते हैं, “तुम्हारे पिता की स्वीकृति पाकर नारदजी, विष्णुजी के पास गए और यह शुभ समाचार सुनाया। लेकिन जब तुम्हें इस विवाह के बारे में पता चला तो तुम्हें बहुत दुख हुआ। तुम मुझे यानि कैलाशपति शिव को मन से अपना पति मान चुकी थी।

तुमने अपने व्याकुल मन की बात अपनी सहेली को बताई। तुम्हारी सहेली ने सुझाव दिया कि वह तुम्हें एक घनघोर वन में ले जाकर छुपा देगी और वहां रहकर तुम शिवजी को प्राप्त करने की साधना करना। इसके बाद तुम्हारे पिता तुम्हें घर में न पाकर बड़े चिंतित और दुःखी हुए। वह सोचने लगे कि यदि विष्णुजी बारात लेकर आ गए और तुम घर पर ना मिली तो क्या होगा। उन्होंने तुम्हारी खोज में धरती-पाताल एक करवा दिए लेकिन तुम ना मिली।

astro tips,astro tips in hindi,hariyali teej,hariyali teej 2019,hariyali teej mythological story ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, हरियाली तीज व्रत, हरियाली तीज व्रत 2019, हरियाली तीज व्रत की पौराणिक कथा

तुम वन में एक गुफा के भीतर मेरी आराधना में लीन थी। श्रावण तृतीय शुक्ल को तुमने रेत से एक शिवलिंग का निर्माण कर मेरी आराधना कि जिससे प्रसन्न होकर मैंने तुम्हारी मनोकामना पूर्ण की। इसके बाद तुमने अपने पिता से कहा कि ‘पिताजी, मैंने अपने जीवन का लंबा समय भगवान शिव की तपस्या में बिताया है। और भगवान शिव ने मेरी तपस्या से प्रसन्न होकर मुझे स्वीकार भी कर लिया है। अब मैं आपके साथ एक ही शर्त पर चलूंगी कि आप मेरा विवाह भगवान शिव के साथ ही करेंगे।” पर्वत राज ने तुम्हारी इच्छा स्वीकार कर ली और तुम्हें घर वापस ले गये। कुछ समय बाद उन्होंने पूरे विधि – विधान के साथ हमारा विवाह किया।”

भगवान शिव ने इसके बाद बताया कि – “हे पार्वती! श्रावण शुक्ल तृतीया को तुमने मेरी आराधना करके जो व्रत किया था, उसी के परिणाम स्वरूप हम दोनों का विवाह संभव हो सका। इस व्रत का महत्त्व यह है कि मैं इस व्रत को पूर्ण निष्ठा से करने वाली प्रत्येक स्त्री को मन वांछित फल देता हूं। भगवान शिव ने पार्वती जी से कहा कि इस व्रत को जो भी स्त्री पूर्ण श्रद्धा से करेंगी उसे तुम्हारी तरह अचल सुहाग प्राप्त होगा।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com