Chaitra Navratri Festival 2018 : व्रत रखना होगा मंगलकारी इस नवरात्रि बन रहे हैं शुभ संयोग
By: Hema Sat, 17 Mar 2018 1:13:26
रविवार 18 मार्च से चैत्र नवरात्र की स्थापना हो रही है प्रात: 7 बजकर 5 मिनट पर घटस्थापना का शुभ मुहूर्त है। इस बार के नवरात्र देश की तरक्की के लिए शुभ संकेत लेकर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि माता रानी इस बार हाथी पर सवार होकर भक्तों के लिए सुख-शांति लेकर आने वाली हैं। ज्योतिषिय गणनाओं में यह नवरात्र देश को आर्थिक तरक्की की राह पर ले जाएगा, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच उथल-पुथल का माहौल रहेगा।
ज्योतिष संस्थान के अनुसार, वासंतिक नवरात्र के साथ ही नूतन संवत्सर का आरंभ होता है। रविवार को नव संवत्सर शुरू होने से इस वर्ष का राजा सूर्य है। कन्या लग्न में नवरात्र और नव वर्ष का प्रारंभ होना कई संयोग बना रहा है।
आठ दिन का नवरात्र रविवार को ही पूर्ण हो रहा है। हाथी पर सवार होकर आ रही माता हाथी पर विदा भी होंगी। ये संयोग व्रत को और भी मंगलकारी बना रहा है। नव संवत्सर की कुडली के सप्तम भाव में स्थित सूर्य, चंद्र, बुध और शुक्र की युति से भद्र नामक योग बन रहा है। ये कल्याणकारी फल देने वाला होता है। इन सभी सुयोगों के मिलने के कारण यह नवरात्र और नव संवत्सर विश्व के लिए कल्याणकारी होगा। हालांकि, मंगल और शनि की युति राजनीतिक उथल-पुथल के संकेत दे रही है।
* इसलिए खास रहेगा यह वर्ष
पंडितों के मुताबिक भद्र योग के चलते इस वर्ष रुके हुए मांगलिक कार्य होंगे। वर्षा अधिक होगी, जिससे फसलें अच्छी होंगी। महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा। व्यापार से जुड़े लोगों को लाभ होगा। यह नव संवत्सर देश को आर्थिक तरक्की की राह पर लेकर जाएगा।
* कलश स्थापित कर सकते हैं सूर्योदय से सूर्यास्त तक
प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापन का विधान है। 18 को प्रतिपदा तिथि सूर्योदय से शाम 6:08 तक है। इस बीच कभी भी कलश स्थापना की जा सकती है। विशेष मुहूर्त की बात करें तो अभिजीत मुहूर्त प्रातरू 11:36 से लेकर अपराह्न 12:34 तक है। इसी बीच कलश स्थापित कर भगवती का आह्वान व षोडशोपचार पूजन कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विधान है।
* राजनीतिक जगत पर पड सकता प्रभाव
कन्या लग्न में संवत्सर प्रारंभ होने और वर्ष की कुंडली के चतुर्थ भाव में मंगल व शनि की युति का प्रभाव राजनीतिक जगत पर पड़ेगा। पार्टियों में विघटन की स्थिति पैदा हो सकती है। इससे बचने के लिए राजनेता नवरात्र में भगवती उपासना के दौरान ‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चेष्का’ जाप कर सकते हैं।