इन कामों को करने वाले मनुष्यों को जीवन में नहीं मिलती सुख और शांति

By: Pinki Sat, 12 May 2018 2:53:46

इन कामों को करने वाले मनुष्यों को जीवन में नहीं मिलती सुख और शांति

हर व्यक्ति के जीवन में यह कामना तो होती ही है कि वह अपने जीवन में अपार धन-सम्पदा का स्वामी बनें और जीवनपर्यंत उसे कभी भी धन की कमी ना हो। इसके लिए व्यक्ति भगवान को खुश करने में पूजा-पाठ का सहारा लेता हैं। लेकिन कई धर्म-कर्म करने पर भी कुछ लोगों की दरिद्रता या गरीबी नहीं जाती हैं। क्योंकि उन्होंने कुछ ऐसे काम किये होते हैं जो जीवन में नहीं किये जाने चाहिए। आज हम आपको उन्हीं कामों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अगर आपके द्वारा किये जाते है तो गरीबी कभी भी आपका साथ नहीं छोडती। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में।

* ज्ञान और विद्या का घमंड न करें : जो लोग अपने ज्ञान और विद्या का घमंड करते हैं, वे लक्ष्मी की स्थाई कृपा प्राप्त नहीं कर पाते हैं। अपने ज्ञान और विद्या का उपयोग दूसरों को दुख देने में, सिर्फ अपने स्वार्थों को पूरा करने में, दूसरों का अपमान करने में करेंगे तो हम लंबे समय तक सुखी नहीं रह सकते। भविष्य में सुखी रहना चाहते हैं तो अपने ज्ञान और विद्या से दूसरों के दूख दूर करने के प्रयास करना चाहिए।

* शास्त्रों का अपमान न करें :
शास्त्रों को पूजनीय और पवित्र माना गया है। इनमें श्रेष्ठ जीवन के लिए महत्वपूर्ण सूत्र बताए गए हैं। जो लोग शास्त्रों की बातों का पालन करते हैं, वे कभी भी दुखी नहीं होते हैं। इसीलिए शास्त्रों का अपमान नहीं करना चाहिए, इनका अपमान करना महापाप है। यदि हम शास्त्रों का सम्मान नहीं कर सकते हैं तो अपमान भी नहीं करना चाहिए।

* गुरु की बुराई का न करें : गुरु का महत्व भगवान से भी अधिक बताया गया है। अच्छे गुरु के बिना हम पाप और पुण्य का भेद नहीं समझ सकते हैं। गुरु ही भगवान को प्रसन्न करने के सही उपाय बताता है। गुरु की शिक्षा का पालन करने पर हम दरिद्रता और दुखों से मुक्त हो सकते हैं। गुरु पूजनीय है, इनका सम्मान करना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में गुरु का अपमान न करें, अन्यथा दुख दूर नहीं होंगे।

* विचारों की पवित्रता बनाए रखें :
विचारों में अपवित्रता यानी बुरा सोचना भी पाप है। स्त्री या हो पुरुष, दूसरों के लिए गंदा सोचने पर देवी-देवताओं की प्रसन्नता प्राप्त नहीं की जा सकती है। विचारों की पवित्रता बनाए रखें। इसके लिए गलत साहित्य से दूर रहें और आध्यात्मिक साहित्य पढ़ें। ध्यान करें। इससे विचारों की गंदगी दूर हो सकती है।

* ज्ञानी होते हुए भी परमात्मा को न मानना : जो लोग अज्ञानी हैं, वे तो परमात्मा के संबंध में तरह-तरह के वाद-विवाद करेंगे ही, लेकिन जो लोग ज्ञानी हैं, यदि वे परमात्मा को नहीं मानते हैं तो वे जीवन में बहुत ज्यादा दुख भोगते हैं। परमात्मा यानी भगवान की भक्ति से सभी दुख दूर हो सकते हैं।

* दूसरों की संपत्ति हड़पना नहीं चाहिए : दूसरों की संपत्ति हड़पना, लालच करना भी पाप है। हमें अपनी मेहनत से कमाई गई संपत्ति के अतिरिक्त दूसरों की संपत्ति को देखकर लालच नहीं करना चाहिए। लालच को बुरी बला कहा जाता है। जो लोग लालच करते हैं, वे कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाते हैं और लगातार सोचते रहते हैं, इस कारण मानसिक शांति भी नहीं मिलती है।

* मान-सम्मान पाने के लिए दान न करें : गुप्त दान को श्रेष्ठ दान माना जाता है। गुप्त दान यानी ऐसा दान जो बिना किसी को बताए दिया जाता है। दान देने वाले व्यक्ति की पहचान भी गुप्त रहती है। जो लोग मान-सम्मान पाने के लिए दान करते हैं, दूसरों को दिखा-दिखाकर मदद करते हैं, स्वयं को बड़ा दिखाने के लिए दान करते हैं, वे ऐसे दान से पूर्ण पुण्य प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

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