इन 5 देवताओं को प्रसन्न कर पाएं अपना मनचाहा प्यार

By: Ankur Mon, 27 Apr 2020 06:16:13

इन 5 देवताओं को प्रसन्न कर पाएं अपना मनचाहा प्यार

इस दुनिया के कब किसकी आँखें चार हो जाएं और किसी से प्यार हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता हैं। प्यार करना तो आसान होता हैं लेकिन उसे हासिल कर पाना आज भी उतना ही मुश्किल हैं। ऐसे में आपके ग्रह-नक्षत्रों का भी बड़ा योगदान होता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की कुछ देवता ऐसे हैं जिन्हें प्रसन्न कर भी अपना मनचाहा प्यार पाया जा सकता हैं। आज हम आपको उन्हीं देवताओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी पूजा कर आशीर्वाद ले और अपने मनचाहे प्यार को पाए। तो आइये जानते हैं उन देवताओं के बारे में।

कामदेव

काम का मतलब है प्यार, हसरत, इच्छा और सेक्सुअलिटी। देव का अर्थ है दैवीय या स्वर्गिक। अथर्व वेद में काम को इच्छाओं के लिए कहा गया है न कि सेक्सुअल आनंद के लिए। कामदेव की तुलना अक्सर ग्रीक देवता इरोज से की जाती है। कभी उन्हें पश्चिमी देशों में प्रचलित क्यूपिड के रूप में दिखाया जाता है। कामदेव को ऐसे देवता के रूप में माना जाता है जो हमारी हसरतों, प्यार और वासना के लिए जिम्मेदार है। युवा और सुंदर कामदेव भगवान ब्रह्मा के पुत्र माने जाते हैं। उन्हें मनमदन या काम कहा जाता है।

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भगवान कृष्ण

कृष्ण हिंदू मान्यताओं के अनुसार रास और रोमांस के देवता हैं। प्यार और काम भावना के लिए उनकी भी आराधना की जाती है। जो जोड़ा भगवान कृष्ण और राधा की पूजा करता है, वो जिंदगीभर एक दूसरे को कृष्ण-राधा की तरह ही प्यार करता है।

रति

प्यार, हसरत, वासना और सेक्सुअल आनंद की देवी हैं। माना जाता है कि प्रजापति दक्ष की बेटी हैं। वह भगवान कामदेव की सहायक हैं। स्त्रियां और लड़कियां अक्सर प्यार और शारीरिक संगति के लिए रति की पूजा करती हैं।

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भगवान शिव

सृष्टि का सबसे प्रेमिल जोड़ा है शिव पार्वती, सबसे पहला प्रेम विवाह भी उन्हीं का माना जाता है। महिलाएं अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए भगवान शिव की पूजा आराधना करती हैं। पूरे देश में शिव को इसके लिए खुश करने की परंपरा है। महाशिवरात्रि और सोमवार के दिन लड़कियां मनचाहा जीवनसाथी मांगती हैं।

चंद्र और शुक्र

चंद्र का मतलब है चंद्रमा। चांद हमेशा से प्यार का प्रतीक रहा है। उसे लेकर न जाने प्यार के कितने रूपक गढ़े गए। कितनी ही कविताएं लिखी गईं। युगों-युगों से ऐसा होता रहा है। चंद्रमा की पूजा से वही प्यार मिलता है, जिसकी कामना कर रहे हैं। वैसे चंद्रदेव और शुक्र को मन की नाजुक अनुभूतियों का देवता माना जाता है।

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