Mahavir Jayanti 2020 : जीवन की समस्याओं का समाधान देते हैं महावीर स्वामी के ये 10 अनमोल वचन

By: Ankur Fri, 03 Apr 2020 10:27:19

Mahavir Jayanti 2020 : जीवन की समस्याओं का समाधान देते हैं महावीर स्वामी के ये 10 अनमोल वचन

हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को महावीर जयंती मनाई जाती हैं जो कि इस बार 6 अप्रैल, 2020 को मनाई जानी हैं। भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थकर है जिन्होनें पंचव्रत बताए और जैन धर्म के लोग उनका अनुसरण करते हैं। इसी के साथ ही महावीर स्वामी द्वारा बताए गए अनमोल वचन सभी के जीवन की समस्याओं का समाधान देते हैं। तो आइये जानते हैं भगवान महावीर स्वामी के अनमोल वचन के बारे में।

- महावीर स्वामी ने कहा है कि मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म अहिंसा है। अत: हमें हमेशा जियो और जीने दो के संदेश पर कायम रहना चाहिए।

- महावीर ने हमें स्वयं के दोषों से लड़ने की प्रेरणा दी है। वह कहते हैं- स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना? वह जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी।

- हर जीवित प्राणी के प्रति दयाभाव ही अहिंसा है। घृणा से हम ना केवल अपना विनाश करते हैं बल्कि दूसरों के लिए भी कष्टकारी हो सकता है।

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- अगर आपने कभी किसी का भला किया हो तो उसे हमेशा के लिए भूल जाना चाहिए। वहीं अगर कभी किसी ने आपके साथ बुरा किया हो तो उसे भी भूल जाना चाहिए। तभी मनुष्य शांत रहकर अपना जीवनयापन कर सकता है।

- अज्ञानी कर्म का प्रभाव खत्म करने के लिए लाखों जन्म लेता है जबकि आध्यात्मिक ज्ञान रखने और अनुशासन में रहने वाला व्यक्ति एक क्षण में उसे खत्म कर देता है।

- हर मनुष्य की आत्मा अपने आप में सर्वज्ञ (परिपूर्ण) और आनंदमय है। आनंद को कभी बाहर से प्राप्त नहीं किया जा सकता। आत्मा अकेले आती है और अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है और न ही कोई उसका मित्र बनता है।

- आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु अपने अंदर ही रहते हैं। वे शत्रु हैं- लालच, द्वेष, क्रोध, घमंड और आसक्ति और नफरत। खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।

- महावीर ने बताया है कि ईश्वर का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हर कोई सही दिशा में चलकर देवत्त्व प्राप्त कर सकता है। प्रत्येक जीव स्वतंत्र है, कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता। आपात स्थिति में मन को कभी भी डगमगाना नहीं चाहिए, उसका डटकर सामना करना चाहिए।

- क्रोध हमेशा अधिक क्रोध को जन्म देता है और क्षमा और प्रेम हमेशा अधिक क्षमा और प्रेम को जन्म देते हैं। मनुष्य को हमेशा क्षमा और प्रेम का विचार अपनाना चाहिए। इससे जीवन को न केवल सरल किया जा सकता है बल्कि सम्मान से वह सबकुछ पा सकता है।

- मनुष्य के हमेशा दुखी होने की वजह खुद की गलतियां ही हैं, जो मनुष्य अपनी गलतियों पर नियंत्रण पा लेता है। वही मनुष्य सच्चे सुख की प्राप्ति कर सकता है।

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