वास्तु में बहुत महत्व रखती हैं सूर्य की रोशनी, जानें किस पहर क्या करें

By: Ankur Wed, 27 Nov 2019 07:29:41

वास्तु में बहुत महत्व रखती हैं सूर्य की रोशनी, जानें किस पहर क्या करें

इस पृथ्वी पर जीवन का होना सूर्य के बिना संभव नहीं हैं। सूर्य अपने तेज से धरती और इसके प्राणियों को ऊर्जा प्रदान करता हैं। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो सूर्य को पूर्व दिशा का स्वामी माना गया हैं जो कि धन-संपत्ति, ऐश्वर्य, स्वास्थ्य और तेजस्व प्रदान करने वाला ग्रह है। ऐसे में वास्तु में सूर्य से निकली रोशनी का भी बड़ा महत्व माना गया हैं जो कि व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए इससे जुडी जानकारी लेकर आए हैं कि दिन के किस पहर के दौरान क्या किया जाना चाहिए जो आपके लिए शुभ रहे। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

vastu tips in hindi,sunlight,sunlight effect on life,work according sunlight ,वास्तु टिप्स, वास्तु टिप्स हिंदी में, सूर्य की रोशनी, जीवन पर सूरज का प्रभाव, सूर्य की रोशनी के अनुसार काम

- वास्तु शास्त्र के अनुसार मध्य रात्रि से तड़के 3 बजे तक सूर्य पृथ्वी के उत्तरी भाग में होता है। यह समय अत्यंत गोपनीय होता है। यह दिशा व समय कीमती वस्तुओं या जेवरात आदि को संभाल कर गुप्त स्थान पर रखने के लिए उत्तम है।

- सूर्योदय से पहले रात्रि 3 से सुबह 6 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है। इस समय सूर्य पृथ्वी के उत्तर-पूर्वी भाग में होता है। यह समय चिंतन-मनन व अध्ययन के लिए बेहतर होता है।

- सुबह 6 से 9 बजे तक सूर्य पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में रहता है, इसीलिए घर ऐसा बनाएं कि इस समय सूर्य की पर्याप्त रोशनी घर में आ सके।

- सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक सूर्य पृथ्वी के दक्षिण-पूर्व में होता है। यह समय भोजन पकाने के लिए उत्तम है। रसोईघर व स्नानघर (बाथरूम) गीले होते हैं। ये ऐसी जगह होने चाहिए, जहां सूर्य की पर्याप्त रोशनी आ सके, तभी ये स्थान सूखे और स्वास्थ्यकर हो सकते हैं।

vastu tips in hindi,sunlight,sunlight effect on life,work according sunlight ,वास्तु टिप्स, वास्तु टिप्स हिंदी में, सूर्य की रोशनी, जीवन पर सूरज का प्रभाव, सूर्य की रोशनी के अनुसार काम

- दोपहर 12 से 3 बजे तक आराम का समय होता है। सूर्य अब दक्षिण में होता है, अत: आराम कक्ष इसी दिशा में बनाना चाहिए।

- दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक अध्ययन और कार्य का समय होता है और सूर्य दक्षिण-पश्चिम भाग में होता है। अत: यह दिशा अध्ययन कक्ष या पुस्तकालय के लिए उत्तम है।

- शाम 6 से रात 9 तक का समय खाने, बैठने और पढऩे का होता है। इसलिए घर का पश्चिमी कोना भोजन या बैठक कक्ष के लिए शुभ होता है।

- शाम 9 से मध्य रात्रि के समय सूर्य घर के उत्तर-पश्चिम में होता है। यह स्थान शयन कक्ष,पालतू जानवरों को रखने के लिए भी उपयोगी है।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com