शास्त्रों में बताए गए है भोजन से जुड़े ये नियम, पालन करने पर मिलती है ईश्वरीय कृपा
By: Ankur Thu, 14 Feb 2019 1:43:26
हमारे जीवन से जुड़े हर कार्य की जानकारी शास्त्रों में उल्लेखित की गई है और उससे जुड़े नियमों के बारे में बताया गया हैं। यहाँ तक कि भोजन करने के भी अपने नियम होते हैं जिनका पालन करना आपको ईश्वरीय कृपा की प्राप्ति करवा सकता हैं। इसलिए आज हम आपको शास्त्रों में बताए गए उन नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका भोजन करते समय जरूर पालन किया जाना चाहिए। तो आइये जानते है उन नियमों के बारे में।
- बिस्तर रुई से बने होते हैं, रुई हमारे शरीर की ऊर्जा को निकलने नहीं देती है। खाना खाते समय हमारे लीवर की गर्मी निकलती है, बिस्तर पर बैठने से ये गर्मी शरीर में ही रुक जाती है, जमीन तक नहीं पहुंच पाती है। इससे हमारा पाचन तंत्र खराब होता है। जमीन पर बैठकर खाना खाने से से हमारे शरीर का तापमान सही रहता है।
- वास्तु की मान्यता है कि पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से आयु बढ़ती है। जो लोग उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करते हैं, उन्हें लंबी आयु के साथ ही लक्ष्मी कृपा भी प्राप्त होती है। दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी जाती है और इस ओर मुख करके खाना खाने से भय बढ़ता है। बुरे सपने दिखाई देते हैं।
- खाना खाने से पहले दोनों हाथ, दोनों पैर और मुंह को धोने के पश्चात ही भोजन करना चाहिए। मान्यता के अनुसार गीले पैरों के साथ भोजन करने से स्वास्थ्य संबंधी लाभ होता है और उम्र में बढ़ौतरी होती है।
- शास्त्रों में कहा गया है कि बिस्तर पर बैठकर खाना या पीना नहीं चाहिए। कहा जाता है कि से घर में लक्ष्मी का निवास नहीं होता। यहां तक यह भी कहा गया है कि इससे घर में दरिद्रता आती है और घर में अशांति फैल जाती है।
- भोजन करने से पूर्व अन्न देवता, अन्नपूर्णा माता और देवी-देवताओं का स्मरण कर उन्हें धन्यवाद करें। भोजन स्वादिष्ट न लगने पर उसका तिरस्कार न करें। ऐसा करने से अन्न का अपमान होता है।
- भोजन बनाने वाले व्यक्ति को स्नान करके और पूरी तरह से पवित्र होकर ही भोजन बनाना चाहिए। भोजन बनाते समय मन शांत रखना चाहिए। जहां तक हो सके भोजन बनाते समय अपने परिवार के स्वस्थ रहने के विचार करें या मंत्र जप अथवा स्तोत्र पाठ करते रहें।