मंदिर जाने से पहले ध्यान रखें इन नियमों का, वरना लग सकता है आपको पाप

By: Ankur Tue, 10 Apr 2018 3:16:16

मंदिर जाने से पहले ध्यान रखें इन नियमों का, वरना लग सकता है आपको पाप

हिन्दू धर्म में मंदिर की महत्ता को सर्वोपरी रखा गया हैं। क्योंकि मंदिर एक ऐसी पावन और पवित्र जगह हैं जहां भगवान का वास होता हैं और भक्त अपने इष्ट से मिलने के लिए निर्मल और निश्छल स्वभाव के साथ मंदिर जाते हैं। मंदिर में भक्त अपने इष्ट देव को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। लेकिन आपको मंदिर जाने से पहले कुछ नियमों को ध्यान रखने की आवश्यकता होती हैं। अन्यथा आपकी भक्ति का उचित फल प्राप्त नहीं होता हैं और हो सकता है भगवान भी प्रसन्न होने की जगह नाराज हो जाए। तो आज हम आपको कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान मंदिर जाने से पहले कर लेना चाहिए। तो आइये जानते हैं उन नियमों के बारे में।

* मंदिर अत्यंत पवित्र और धार्मिक स्थान होता है इसलिए यहां पर छोटे और अभद्र कपड़े पहनकर नहीं जाना चाहिए। महिलाओं को अपना सिर ढक कर मंदिर में प्रवेश करना चाहिए। देश के प्रसिद्ध मंदिरों जैसे तिरुपति और गुरुवयूर में ड्रेस कोड को लेकर काफी सख्ती बरती जाती है। यहां पर पुरुषों और महिलाओं को पैंट और ट्राउज़र पहनने की बिलकुल मनाही है। जब भी आप किसी प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन करने जाएं तो वहां के ड्रेस कोड के बारे में भी जरूर पता करें।

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* कुछ मंदिर केवल सुबह और शाम के समय खुले होते हैं इसलिए मंदिर जाने से पूर्व मंदिर खुलने के समय के बारे में जरूर पता कर लें। कुछ मंदिरों में प्रवेश करने से पूर्व टिकट खरीदनी पड़ती है। यहां तक कि कुछ बड़े मंदिरों में जल्दी दर्शन के लिए स्पेशल टिकट लेनी पड़ती है। कहीं पर कैमरा ले जाने की भी अनुमति नहीं होती है।

* हिंदू मान्यता के अनुसार मंदिर जाने से पूर्व स्नानादि और नित्य कर्म से निवृत्त होना जरूरी होता है। दक्षिण भारत के कई मंदिरों में स्नान के लिए कुंड बने हुए हैं जहां भक्तों को दर्शन करने से पूर्व स्नान करना अनिवार्य होता है। महिलाओं को माहवारी के दौरान मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थान में प्रवेश करना सख्त वर्जित है। केरल के अयप्पा स्वामी मंदिर में तो माहवारी की उम्र की महिलाओं को प्रवेश ही नहीं करने दिया जाता है।

* मंदिर में जाने से पूर्व ईश्वर को भोग लगाने या चढ़ाने के लिए प्रसाद ले जाने की पंरपरा है। आप भगवान के लिए उनके प्रिय पुष्प या नारियल भी ले जा सकते हैं। मंदिर में प्रसाद चढ़ाने का एक अलग ही महत्व है।

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* मंदिर में दोनों हाथ जोड़कर पूजा करनी चाहिए। इसके पीछे धार्मिक के साथ-साथ आध्यात्मिक कारण भी हैं। कहते हैं कि हाथ जोड़कर पूजा करने से शरीर के कुछ विशिष्ट प्वांइट्स क्रियाशील हो जाते हैं जिससे शरीर से पॉजीटिव एनर्जी निकलती है। इसलिए मंदिर में हाथ जोड़कर ही पूजा करें।

* मंदिर एक पावन स्थल है और सदियों से मंदिर जाने से पहले चप्पलों को बाहर उतारने की परंपरा चली आ रही है। मंदिर में प्रवेश करने से पूर्व चप्पलों को उतारना अनिवार्य होता है। इस पूरी दुनिया में ऐसा कोई भी धार्मिक स्थल नहीं होगा जहां आप चप्पल पहनकर प्रवेश कर सकते हों। इसलिए जब कभी भी मंदिर परिसर में प्रवेश करें तो सबसे पहले चप्पलें उतार दें।

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