पापमोचनी एकादशी : जानें पौराणिक कथा, श्रवण मात्र से होगा समस्त पाप का नाश

By: Ankur Mundra Tue, 17 Mar 2020 06:45:47

पापमोचनी एकादशी : जानें पौराणिक कथा, श्रवण मात्र से होगा समस्त पाप का नाश

हिन्दू धर्म में कई तरह के व्रत और त्यौंहार आते हैं और सभी का विशेष महत्व माना जाता हैं। ऐसा ही एक व्रत हैं एकादशी का जो कि हर हिन्दू महीने में दो बार आता हैं। आने वाले दिनों में 19 मार्च को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी हैं जिसे 'पापमोचनी एकादशी' के रूप में जाना जाता है। पापमोचनी एकादशी व्रत की कथा के श्रवण व पठन मात्रा से समस्त पापों का नाश होता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए इसकी कथा लेकर आए हैं जो जगत् पिता ब्रह्माजी द्वारा नारद जी को सुने गई थी।

कथा के अनुसार प्राचीन समय में चित्ररथ नामक एक रमणिक वन था। इस वन में देवराज इंद्र गंधर्व कन्याओं तथा देवताओं सहित स्वच्छंद विहार करते थे। एक बार मेधावी नामक ऋषि भी वहां पर तपस्या कर रहे थे। वे ऋषि शिव उपासक तथा अप्सराएं शिव द्रोहिणी अनंग दासी (अनुचरी) थी। एक बार कामदेव ने मुनि का तप भंग करने के लिए उनके पास मंजुघोषा नामक अप्सरा को भेजा। युवावस्था वाले मुनि अप्सरा के हाव भाव, नृत्य, गीत तथा कटाक्षों पर काम मोहित हो गए। रति-क्रीडा करते हुए 57 वर्ष व्यतीत हो गए।

astrology tips,astrology tips in hindi,papamochani ekadashi,vrat katha,lord vishnu ,ज्योतिष टिप्स, ज्योतिष टिप्स हिंदी में, पापमोचनी एकादशी, व्रत कथा, भगवान् विष्णु

एक दिन मंजुघोषा ने देवलोक जाने की आज्ञा मांगी। उसके द्वारा आज्ञा मांगने पर मुनि को भान आया और उन्हें आत्मज्ञान हुआ कि मुझे रसातल में पहुंचाने का एकमात्र कारण अप्सरा मंजुघोषा ही हैं। क्रोधित होकर उन्होंने मंजुघोषा को पिशाचनी होने का श्राप दे दिया। श्राप सुनकर मंजुघोषा ने कांपते हुए ऋषि से मुक्ति का उपाय पूछा। तब मुनिश्री ने पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने को कहा और अप्सरा को मुक्ति का उपाय बताकर पिता च्यवन के आश्रम में चले गए।

पुत्र के मुख से श्राप देने की बात सुनकर च्यवन ऋषि ने पुत्र की घोर निंदा की तथा उन्हें पापमोचनी चैत्र कृष्ण एकादशी का व्रत करने की आज्ञा दी। व्रत के प्रभाव से मंजुघोष अप्सरा पिशाचनी देह से मुक्त होकर देवलोक चली गई। अत: हे नारद! जो कोई मनुष्य विधिपूर्वक इस व्रत को करेगा, उसके सारों पापों की मुक्ति होना निश्चित है और जो कोई इस व्रत के महात्म्य को पढ़ता और सुनता है उसे सारे संकटों से मुक्ति मिल जाती है तथा उसके पापों का नाश होकर पुण्‍यफल की प्राप्ति होती है।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com