भगवान विष्णु ने माता पार्वती के साथ छल कर पाया बद्रीनाथ, जानें यह पौराणिक कथा

By: Ankur Tue, 17 Dec 2019 07:38:34

भगवान विष्णु ने माता पार्वती के साथ छल कर पाया बद्रीनाथ, जानें यह पौराणिक कथा

सभी भक्तगण अपने इष्ट देव की पूजा करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। कई लोग बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा भी करने जाते है। बद्रीनाथ को श्रीहरि विष्णु और केदारनाथ को भगवान शिव के लिए जाना जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव पहले बद्रीनाथ में निवास करते थे जिसे श्रीहरि विष्णु ने माता पार्वती के साथ छल कर पाया था। आज हम आपको इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में बताने जा रहे हैं कि किस तरह से यह संभव हो पाया।

बद्रीनाथ में भगवान शिव अपने परिवार के साथ रहते थे लेकिन श्रीहरि विष्णु को यह स्थान इतना अच्छा लगा कि उन्होंने इसे प्राप्त करने के लिए योजना बनाई। पुराण कथा के अनुसार सतयुग में जब भगवान नारायण बद्रीनाथ आए तब यहां बदरीयों यानी बेर का वन था और यहां भगवान शंकर अपनी अर्द्धांगिनी पार्वतीजी के साथ मजे से रहते थे। एक दिन श्रीहरि विष्णु बालक का रूप धारण कर जोर-जोर से रोने लगे।

उनके रुदन को सुनकर माता पार्वती को बड़ी पीड़ा हुई। वे सोचने लगीं कि इस बीहड़ वन में यह कौन बालक रो रहा है? यह आया कहां से? और इसकी माता कहां है? यही सब सोचकर माता को बालक पर दया आ गई। तब वे उस बालक को लेकर अपने घर पहुंचीं। शिवजी तुरंत ही ‍समझ गए कि यह कोई विष्णु की लीला है। उन्होंने पार्वती से इस बालक को घर के बाहर छोड़ देने का आग्रह किया और कहा कि वह अपने आप ही कुछ देर रोकर चला जाएगा। लेकिन पार्वती मां ने उनकी बात नहीं मानी और बालक को घर में ले जाकर चुप कराकर सुलाने लगी।

कुछ ही देर में बालक सो गया तब माता पार्वती बाहर आ गईं और शिवजी के साथ कुछ दूर भ्रमण पर चली गईं। भगवान विष्णु को इसी पल का इंतजार था। इन्होंने उठकर घर का दरवाजा बंद कर दिया। भगवान शिव और पार्वती जब घर लौटे तो द्वार अंदर से बंद था। इन्होंने जब बालक से द्वार खोलने के लिए कहा तब अंदर से भगवान विष्णु ने कहा कि अब आप भूल जाइए भगवन्। यह स्थान मुझे बहुत पसंद आ गया है। मुझे यहीं विश्राम करने दी‍जिए। अब आप यहां से केदारनाथ जाएं। तब से लेकर आज तक बद्रीनाथ यहां पर अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हैं और भगवान शिव केदारनाथ में।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com