Navratri 2019: मां सिद्धिदात्री को समर्पित नवरात्रि का अंतिम दिन, जानें पूजा विधि और स्त्रोत पाठ
By: Ankur Mon, 07 Oct 2019 04:43:03
आज नवरात्रि का अंतिम दिन हैं जो कि मातारानी के सिद्धिदात्री स्वरुप को समर्पित होता हैं। इस दिन सभी भक्तगण आस्थापूर्वक सिद्धिदात्री (Siddhidatri) स्वरुप की पूजा करते हैं और उनसे जीवन की सभी मनोकामनाओं (Wish) की पूरी होने का आशीर्वाद चाहते हैं। आपको इसका पूर्ण लाभ मिल सके, इसके लिए आज हम मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि (Worship Method) और स्त्रोत पाठ लेकर आए हैं। इस तरह आस्थापूर्वक मां सिद्धिदात्री की पूजा कर उनका आशीर्वाद पाए।
पूजा विधि
दुर्गा पूजा में इस तिथि को विशेष हवन किया जाता है। यह नौ दुर्गा का आखरी दिन भी होता है तो इस दिन माता सिद्धिदात्री के बाद अन्य देवताओं की भी पूजा की जाती है। सर्वप्रथम माता जी की चौकी पर सिद्धिदात्री माँ की तस्वीर या मूर्ति रख इनकी आरती और हवन किया जाता है। हवन करते वक्त सभी देवी दवताओं के नाम से हवि यानी अहुति देनी चाहिए। बाद में माता के नाम से अहुति देनी चाहिए।
दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोक मंत्र रूप हैं अत:सप्तशती के सभी श्लोक के साथ आहुति दी जा सकती है। देवी के बीज मंत्र “ऊँ ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमो नम:” से कम से कम 108 बार हवि दें। भगवान शंकर और ब्रह्मा जी की पूजा पश्चात अंत में इनके नाम से हवि देकर आरती करनी चाहिए। हवन में जो भी प्रसाद चढ़ाया है जाता है उसे समस्त लोगों में बांटना चाहिए।
स्तोत्र पाठ
कंचनाभा शखचक्रगदापद्मधरा मुकुटोज्वलो। स्मेरमुखी शिवपत्नी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालंकारं भूषिता। नलिस्थितां नलनार्क्षी सिद्धीदात्री नमोअस्तुते॥
परमानंदमयी देवी परब्रह्म परमात्मा। परमशक्ति, परमभक्ति, सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
विश्वकर्ती, विश्वभती, विश्वहर्ती, विश्वप्रीता। विश्व वार्चिता विश्वातीता सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
भुक्तिमुक्तिकारिणी भक्तकष्टनिवारिणी। भव सागर तारिणी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥
धर्मार्थकाम प्रदायिनी महामोह विनाशिनी। मोक्षदायिनी सिद्धीदायिनी सिद्धिदात्री नमोअस्तुते॥