नकारात्मक शक्तियों का नाश करता हैं 'गायत्री मंत्र का जप', जानें विधि और लाभ
By: Ankur Thu, 19 Dec 2019 07:56:26
"ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्" यह गायत्री मंत्र हैं जिसका जाप तनाव दूर करने का काम करता हैं। इसका भावार्थ हैं कि "हम अन्तःकरण में उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को धारण करें।" गायत्री मंत्र का जाप नकारात्मक शक्तियों को दूर करते हुए चिंताओं से मुक्ति दिलाता हैं। आज हम आपको इसके जाप की विधि और लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।
गायत्री मंत्र जपने की विधि
- सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान ध्यान कर साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल पर आसन बिछाकर बैठें।
- तांबे के पात्र में गंगाजल लेकर बैठें।
- अब घी का दीया जलाएं।
- रुद्राक्ष की माला लेकर मंत्र का जप 108 बार करें।
- मंत्र समाप्त होने पर गंगाजल घर पर छिड़कें।
गायंत्री मंत्र जपने के लाभ
- गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से बुद्धि प्रखर होती है।
- विद्यार्थियों की यादाश्त क्षमता में वृद्धि होती है।
- विद्यार्थियों का मन पढ़ाई के प्रति खूब लगता है।
- छात्रों को लंबे समय तक अपना विषय याद रहता है।
- छात्रों की तार्किक क्षमता में वृद्धि होती है।