गणेशजी की मूर्ति से जुड़ी इन बातों का रखें ध्यान, आएगी जीवन में सुख-समृद्धि
By: Ankur Mundra Tue, 16 June 2020 10:10:24
वास्तु का व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व माना जाता हैं जिसमें बताई गई जानकारी व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और ऐश्वर्य लाने का काम करती है। वास्तु के अनुसार घर में लगी गणेश जी की प्रतिमा का भी बहुत महत्व बताया गया हैं। आज इस कड़ी में हम आपको प्रतिमा से जुड़े वास्तु उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दरिद्रता दूर करने और घर में बरकत लाने का काम करेगी। तो आइये जानते हैं गणेशजी की मूर्ति गणेशजी की प्रतिमा का महत्व और कैसे व कहां लगाएं।
कारोबार में आ जाए मंदी
अगर आपके कारोबार में किसी वजह से मंदी आ गई हो या फिर फैक्ट्री में उत्पादन गिर जाए तो आपको गणेशजी की प्रतिमा का प्रयोग सही रूप से करना चाहिए। आप चाहें तो गणेशजी प्रतिरूप स्वास्तिक को ताम्रपत्र या फिर पूजा की थाली में स्थापित करके उसकी नियमित रूप से पूजा करें। ऐसा करने फैक्ट्री उत्पादन बढ़ेगा और आपके व्यवसाय में भी वृद्धि होगी।
नए घर में शिफ्ट हो रहे हों तो
यदि आप नए घर में शिफ्ट होने जा रहे हो या फिर पुराने बंद पड़े घर में रहने जा रहे हों तो पहले उस घर में प्रवेश करके वहां की ऊर्जा को महसूस करने की कोशिश करें। अगर आपको वहां पर नकारात्मकता का एहसास होता हो तो यह जगह बिना वास्तु उपाय के रहने लायक नहीं होती है। ऐसे घर में मुख्य द्वार के ठीक सामने मुख्य द्वार की ओर देखती हुई गणेशजी की लगभग 9 इंच लंबी प्रतिमा को स्थापित करें। इससे उस घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा।
भवन दक्षिण मुखी हो तो
यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण की ओर हो तो ऐसे घर दक्षिण मुखी कहलाते हैं। ऐसे घर की चौखट के ऊपर दोनों ओर अंदर और बाहर गणेशजी प्रतिमा लगाने से यह दोष अपने आप मिट जाता है। गृह स्वामी को दूसरे हफ्ते से ही इसका फल प्राप्त होने लगता है। याद रखें कि यह प्रतिमा ज्यादा बड़ी और ज्यादा छोटी न हो।
गणेशजी का बंदनवार
गणेशजी का बंदनवार भी बहुत ही शुभ माना जाता है। प्राय: तीज-त्योहार पर घरों में बंदनवार का प्रयोग किए जाने का बहुत ही विशेष महत्व होता है। इसे वास्तु के हिसाब से बेहद शुभ माना जाता है। अगर आप मुख्य द्वार पर बंदनवार का प्रयोग करते हैं तो इसे बहुत ही स्वच्छ और जगमगाता हुआ रखें। मुख्य द्वार के सामने कुछ भी गंदगी न रखें।
मकान का करने जा रहे हैं प्रवेश
अगर आपने नया मकान लिया है और उसका गृह प्रवेश करने जा रहे हैं तो घर की मुख्य लॉगी में पूर्व दिशा की दीवार पर गणेशजी की 6 इंच की प्रतिमा स्थापित करें। यह नए घर में ऊर्जा की कमी नहीं होने देगी और आपके कष्ट भी हर प्रकार से दूर होंगे।
ब्रह्मस्थल में रखें गणेशजी
घर के ब्रह्मस्थल में तुलसीजी के साथ ही गणेशजी की प्रतिमा भी रखें और दोनों की रोजाना पूजा करें। याद रखें कि गणेशजी की प्रतिमा और तुलसी के पौधे को कुछ दूरी पर रखें, नहीं तो गणेशजी अप्रसन्न हो जाएंगे। तुलसीजी का पौधा वास्तु के दोष दूर करता है और साथ ही गणेशजी की प्रतिमा घर को शुभ लाभ से भर देती है।
इन बातों का रखें ध्यान
कभी भी एक स्थान पर गणेशजी की एक से अधिक प्रतिमा न लगाएं। इससे कोई लाभ नहीं मिलता। वास्तु में कहा गया है कि घर या व्यवसाय स्थल में किसी भी देवता की एक से अधिक मूर्ति नहीं होनी चाहिए। घर के अंदर या बाहर गणेशजी की प्रतिमा इस प्रकार से रखें कि नमन करते मुख सदा उत्तर या फिर पूर्व की ओर होना चाहिए।