14 जुलाई 2018 से शुरू होने वाली है जगन्नाथ पूरी रथ यात्रा, जाने महत्व
By: Megha Tue, 10 July 2018 1:13:42
भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा निकलने की परम्परा वर्षो से चली आ रही है जो की आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष में निकलती है। इस बार यह यात्रा 14 जुलाई 2018 से शुरू होने वाली है। इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ जी को रथ में बिठाकर पुरे नगर का भ्रमण कराया जाता है। हिंदू धर्म में जगन्नाथपुरी का वर्णन स्कन्द पुराण, नारद पुराण, पद्म पुराण और ब्रह्म पुराण में कई जगह किया गया है। जिसमें बताया गया है कि कई पारंपरिक वाद्ययंत्रों की ध्वनि के बीच विशाल रथों को सैकड़ों लोग मोटे-मोटे रस्सों से खींचते हैं। तो आइये जानते है इस रथ यात्रा का महत्व.....
महत्व
स्कन्द पुराण में स्पष्ट कहा गया है कि रथ-यात्रा में जो व्यक्ति श्री जगन्नाथ जी के नाम का कीर्तन करता हुआ गुंडीचा नगर तक जाता है वह पुनर्जन्म से मुक्त हो जाता है। जो व्यक्ति श्री जगन्नाथ जी का दर्शन करते हुए, प्रणाम करते हुए मार्ग के धूल-कीचड़ आदि में लोट-लोट कर जाते हैं वे सीधे भगवान श्री विष्णु के उत्तम धाम को जाते हैं। जो व्यक्ति गुंडिचा मंडप में रथ पर विराजमान श्री कृष्ण, बलराम और सुभद्रा देवी के दर्शन दक्षिण दिशा को आते हुए करते हैं वे मोक्ष को प्राप्त होते हैं। रथयात्रा एक ऐसा पर्व है जिसमें भगवान जगन्नाथ चलकर जनता 7 बीच आते हैं और उनके सुख दुख में सहभागी होते हैं। सब मनिसा मोर परजा (सब मनुष्य मेरी प्रजा है), ये उनके उद्गार है। भगवान जगन्नाथ तो पुरुषोत्तम हैं। उनमें श्रीराम, श्रीकृष्ण, बुद्ध, महायान का शून्य और अद्वैत का ब्रह्म समाहित है। उनके अनेक नाम है, वे पतित पावन हैं।