गोवर्धन स्पेशल : रोज़ एक मुट्ठी घट रहा है गोवर्धन पर्वत, कारण पुलस्य ऋषि का श्राप

By: Ankur Thu, 08 Nov 2018 00:29:35

गोवर्धन स्पेशल : रोज़ एक मुट्ठी घट रहा है गोवर्धन पर्वत, कारण पुलस्य ऋषि का श्राप

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती हैं क्योंकि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र देव के प्रकोप से वृदांवन, मथुरा और गोकुल वासियों को बचाने के लिए अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाया था। लेकिन क्या आप जानते है कि पहले गोवर्धन पर्वत 30 मीटर ऊंचा हुआ करता था, जो आज घटते-घटते आधा ही रह गया है। इसके पीछे का कारण पुलस्य ऋषि का श्राप माना जाता हैं। आइये जानते है इस कहानी के बारे में।

गर्ग संहिता के मुताबिक एक बार पुलस्य ऋषि भ्रमण के दौरान द्रोणाच पहुंचे। वहां उन्हें यह गोवर्धन पर्वत दिखा। इस पर्वत की रमणीयता देख उन्होंने इसे अपने साथ ले जाने की इच्छा व्यक्त की। इस संबंध में उन्होंने गोवर्धन के पिता द्रोणाचल से बात की। तब गोवर्धन ने यह शर्त रखी कि जहां भी ऋषिवर उन्हें रखेंगे, वे वहीं स्थापित हो जाएंगे।

diwali special,astrology tips,govardhan special,govardhan mountain,pulasya rishi,garag sanhita,shri krishna ,दिवाली स्पेशल, गोवर्धन स्पेशल, गोवर्धन पर्वत, पुलस्य ऋषि का श्राप, गर्ग संहिता, श्री कृष्णा

पुलस्य ऋषि बहुत प्रसन्नता से गोवर्धन पर्वत को लेकर काशी की ओर जा रहे थे। तभी ब्रज पहुंचते ही उन्हें लघुशंका हुई। इसके चलते उन्होंने ब्रज में रास्ते के किनारे गोवर्धन को रख दिया। उन्होंने लौटकर गोवर्धन पर्वत को उठाने का बहुत प्रयास किया किंतु वे असफल रहे।

ऐसे में उन्हें क्रोध आ गया और गोवर्धन को श्राप देते हुए कहा कि हर रोज़ धीरे-धीरे तुम्हारा क्षरण होगा और एक दिन तुम पूरी तरह धरती में समा जाओगे। ऐसा कह वे काशी की ओर लौट गए।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com