एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, वरना परिणाम के खुद होंगे जिम्मेदार

By: Kratika Tue, 27 Mar 2018 2:22:14

एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, वरना परिणाम के खुद होंगे जिम्मेदार

आज एकादशी का दिन हैं ओर यह दिन धर्म-कर्म कार्यों के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ माना गया हैं। इस दिन किये गए ज्योतिषीय उपाय और दान-धर्म का फल शुभ और शीघ्र मिलता हैं। एकादशी के दिन कई लोग उपवास रखते हैं। इस दिन का महत्व इतना बड़ा होता है कि इस दिन किये गए कामों पर भी व्यक्ति को नियंत्रण रखना पड़ता हैं, नहीं तो उन कामों का व्यक्ति की जिंदगी पर बुरा प्रभाव पड़ता हैं। शास्त्रों में ऐसे कई काम हैं जो एकादशी के दिन निषेध माने गए हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं वो काम जो एकादशी के दिन नहीं किये जाने चाहिए। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में।

* जुआ खेलना : जुआ खेलना एक सामाजिक बुराई है। जो व्यक्ति जुआ खेलता है, उसका परिवार व कुटुंब भी नष्ट हो जाता है। जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है, वहां अधर्म का राज होता है। ऐसे स्थान पर अनेक बुराइयां उत्पन्न होती हैं। इसलिए सिर्फ आज ही नहीं बल्कि कभी भी जुआ नहीं खेलना चाहिए।

ekadashi,astrology tips,astrology ,एकादशी,एकादशी व्रत

*मदिरा सेवन : एकादशी तिथि के दिन मदिरा के सेवन से भी परहेज रखना चाहिए। मदिरा मनुष्य को मोह और अहंकार की ओर ले जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान विष्णु को अहंकार बिल्कुल पसंद नहीं है। पुराणों में जिक्र है कि, भगवान कहते हैं अहंकार उनका भोजन है। अहंकार के कारण ही रावण और कंस मारा गया।

* चुगली करना : चुगली करने से मान-सम्मान में कमी आ सकती है। कई बार अपमान का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी किसी की चुगली नहीं करना चाहिए।

* झाड़ू लगाना : एकादशी से एक दिन पहले ही संध्या से पूर्व घर में झाड़ू लगाकर घर को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए। एकादशी के दिन घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीव मर सकते है।

* चोरी करना : चोरी करना पाप कर्म माना गया है। चोरी करने वाला व्यक्ति परिवार व समाज में घृणा की नजरों से देखा जाता है। इसलिए सिर्फ एकादशी ही नहीं अन्य दिनों में भी चोरी जैसा पाप कर्म नहीं करना चाहिए।

* स्त्रीसंग : एकादशी पर स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता। अतः एकादशी पर स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए।

* क्रोध : एकादशी पर क्रोध भी नहीं करना चाहिए। इससे मानसिक हिंसा होती है। अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर देना चाहिए और मन शांत रखना चाहिए।

* झूठ बोलना : झूठ बोलना व्यक्तिगत बुराई है। जो लोग झूठ बोलते हैं, उन्हें समाज व परिवार में उचित मान सम्मान नहीं मिलता। इसलिए सिर्फ एकादशी पर ही नहीं अन्य दिनों में भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com