31 अक्टूबर को नहाय खाय से होगी छठ पूजा की शुरुआत, इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी
By: Priyanka Maheshwari Wed, 30 Oct 2019 11:00:57
दीपावली के छठे दिन से शुरू होने वाला छठ का पर्व चार दिनों तक चलता है। इन चारों दिन श्रद्धालु भगवान सूर्य की आराधना करके वर्षभर सुखी, स्वस्थ और निरोगी होने की कामना करते हैं। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। प्रायः हिन्दुओं द्वारा मनाये जाने वाले इस पर्व को इस्लाम सहित अन्य धर्मावलम्बी भी मनाते देखे गये हैं। धीरे-धीरे यह त्योहार प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ विश्वभर में प्रचलित हो गया है। छठ पूजा सूर्य और उनकी बहन छठी मइया को समर्पित है ताकि उन्हें पृथ्वी पर जीवन की देवतायों को बहाल करने के लिए धन्यवाद और कुछ शुभकामनाएं देने का अनुरोध किया जाए। छठ में कोई मूर्तिपूजा शामिल नहीं है। छठ का पर्व 2 नवंबर को है लेकिन छठ के पर्व की शुरुआत 31 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ हो जाएगी।
अगर आप भी छठ का त्योहार मनाते हैं और छठ पूजा करते हैं तो ये बातें आपके काम आ सकती हैं। जानिए कि नहाय खाय करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
– नहाय खाय करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है जिससे छठ मइया का पूरा आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
– नहाय खाय वाले दिन अपने घर को पूरी तरफ से साफ कर लेना चाहिए। सुबह उठकर नदी, तालाब, कुएं में नहाकर साफ कपड़े धारण करना चाहिए।
– यदि आपके निकट गंगा नदी है तो प्रयास करें कि इस दिन गंगा स्नान जरूर करें, ऐसा करना शुभ माना गया है।
– साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें। पूजा की किसी भी वस्तु को जूठे या गंदे हाथों से ना छूएं।छठ पूजा में ये 6 फल हैं महत्वपूर्ण, इसलिए पसंद है छठ मैय्या
– फिर व्रती महिलाएं और पुरुष भोजन ग्रहण करें। भोजन ग्रहण करने से पहले सूर्य भगवान को भोग लगाते हैं। इस दिन व्रती सिर्फ एक ही बार भोजन ग्रहण करते हैं।
– छठ करने वाली व्रती महिला या पुरुष चने की दाल और लौकी शुद्ध घी में सब्जी बनाते और ग्रहण करते हैं। उसमें सेंधा शुद्ध नमक ही डालते हैं। घर के बाकी सदस्य भी यही खाते हैं।
– इस बात का भी ध्यान रखें कि घर के बाकी सदस्य व्रती लोगों के भोजन करने के बाद ही खाएं। घर के बाकी सदस्य भी वही खाना खाते हैं जो व्रती खाते हैं।
– नहाय खाय से छठ पर्व के आखिरी दिन तक मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
– व्रत के दिन व्रती महिलाओं और पुरुषों को फर्श पर चादर या चटाई बिछाकर सोना चाहिए।