क्या हवन से हो सकता हैं कोरोनावायरस का अंत, वैज्ञानिक भी मानते हैं इसके चमत्कारी फायदे
By: Ankur Sat, 14 Mar 2020 08:32:31
कोरोनावायरस का कहर पूरी दुनिया में फैला हुआ हैं और इसके आंकड़ों में लगातार इजाफा हो रहा हैं। भारत में भी 80 से ऊपर संक्रमित मिल चुके हैं और 2 मौत हो चुकी हैं। अभी तक इसका इलाज नहीं मिल पाया हैं। ऐसे में आप खुद की इम्युनिटी बढ़ाने और सावधानी बरतने की जरूरत होती हैं। ऐसे में वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के साथ ही अच्छी सेहत के लिए हवन की मदद ली जा सकती हैं। शोध संस्थानों के शोध नतीजों के मुताबिक हवन के धुएँ से प्राण में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। हवन के माध्यम से बीमारियों से छुटकारा पाने का जिक्र ऋग्वेद में भी है। ऐसे समय में घर पर हवन करना कोरोनावायरस से बचाव का अच्छा उपाय हो सकता हैं।
हवन के लिए पवित्रता की जरूरत होती है ताकि सेहत के साथ उसकी आध्यात्मिक शुद्धता भी बनी रहे।हवन करने से पूर्व स्वच्छता का ख्याल रखें। हवन के लिए आम की लकड़ी, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पीपल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन की लकड़ी, तिल, जामुन की कोमल पत्ती, अश्वगंधा की जड़, तमाल यानि कपूर, लौंग, चावल, ब्राम्ही, मुलैठी की जड़, बहेड़ा का फल और हर्रे तथा घी, शक्कर, जौ, तिल, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों का बूरा उपयोगी होता है।
हवन के लिए गाय के गोबर से बनी छोटी-छोटी कटोरियाँ या उपले घी में डूबो कर डाले जाते हैं। हवन से हर प्रकार के 94 प्रतिशत जीवाणुओं का नाश होता है, अत: घर की शुद्धि तथा सेहत के लिए प्रत्येक घर में हवन करना चाहिए। हवन के साथ कोई मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ध्वनि तरंगित होती है, शरीर में ऊर्जा का संचार होता है, अत: कोई भी मंत्र सुविधानुसार बोला जा सकता है।
हवन में अधिकतर आम की लकड़ियों का ही प्रयोग किया जाता है। और जब आम की लकड़ियों को जलाया जाता है तो उनमें से एक लाभकारी गैस उत्पन्न होती है जिससे वातावरण में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणु समाप्त हो जाते हैं। इसके साथ ही वातावरण भी शुद्ध होता है। बता दें गुड़ को जलने से भी यह गैस उत्पन्न होती है। एक अन्य रिसर्च के मुताबिक यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाए और हवन के धुएं का शरीर से सम्पर्क हो तो टाइफाइड जैसे जानलेवा रोग फैलाने वाले जीवाणु खत्म हो जाते है और शरीर शुद्ध हो जाता है।