हर परीक्षा में मिलेगी आपको सफलता, जरूर आजमाए ये ज्योतिषीय उपाय

By: Ankur Mon, 04 Feb 2019 1:45:20

हर परीक्षा में मिलेगी आपको सफलता, जरूर आजमाए ये ज्योतिषीय उपाय

अक्सर देखा गया है कि कई विद्यार्थी कड़ी मेहनत करते है लेकिन उसके बावजूद भी परीक्षा में उनको सफलता प्राप्त नहीं हो पाती हैं, जिसका मुख्य कारण उनकी एकाग्रता में कमी और वास्तु दोष भी हो सकता हैं। ऐसे में जरूरी होता है कि मेहनत के साथ अपनी किस्मत को भी चमकाया जाए। जी हाँ, आज हम आपको कुछ ऐसे ही उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप मन लगाकर पढ़ाई कर सकें और आपको हर परीक्षा में सफलता प्राप्त हो। तो आइये जानते है इन उपायों के बारे में।

* हर बुधवार को भगवान श्री गणेश की पूजा करें और नियमित रूप से श्री गणेश मंदिर जाएँ। गणेश जी को मूंग के लड्डुओं का भोग लगाकर परीक्षा में सफल होने की प्रार्थना करें।

* पड़ने की मेज पर खाना नहीं खाना चाहिए, खाना खाते समय पड़ाई की टेबिल पर कॉपी किताबें बंद करके ,खाना खाने के लिए बनाये गए स्थान पर ही खाना चाहिए।

* अध्धयन कक्ष में कॉपी किताबों को हमेशा उनकी नियत स्थान, बैग या अलमारी में ही सलीके से रखें, यह जरुर ध्यान रखें की पड़ाई की मेज, कुर्सी टूटी न हो, कापी, किताबें फटी न हो उन सभी पर जरा भी धूल मिटटी न रहे, लगातार वहां पर साफ सफाई होती रहे ।

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* परीक्षा भवन में मानसिक संतुलन का कारक है चंद्रमा! चंद्रमा का मजबूत होना आत्मविश्वास बढ़ाता है। सफेद वस्तु का सेवन करने से, दान करने से, शिव के दर्शन व शिव चालीसा पढ़ने से, कनिष्ठा ऊँगली में चाँदी का छल्ला पहनने से तथा चाँदी के गिलास में पानी पीने से चंद्र मजबूत होता है। कुंडली में चंद्र की स्थितिनुसार मोती पहनने से लाभ होता है।

* पढ़ाई में मन न लगने पर मंगलवार के दिन मसूर की लाल दाल लाल कपड़े की थैली में डालकर पॉकेट में रखें, पढ़ने में रुचि जागेगी।

* परीक्षा में पास होने के लिए विद्यार्थियों को अपने कमरे में देवी सरस्वती की फोटो लगानी चाहिए। तथा सोते समय विद्यार्थियों को दक्षिण की दिशा की ओर मुह करके नहीं सोना चाहिए। अष्ट सरस्वती यंत्र पहनने से विद्यार्थी की बुद्धि तेज होती है।

* माघ मास की कृष्णपक्ष अष्टमी के दिन को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में अर्द्धरात्रि के समय रक्त चन्दन से अनार की कलम से “ॐ ह्वीं´´ को भोजपत्र पर लिख कर नित्य पूजा करने से अपार विद्या, बुद्धि की प्राप्ति होती है।

* पड़ने का सर्वोतम समय ब्रह्म मुहूर्त अर्थात सुबह के 4 बजे का माना गया है उस काल में पड़ाई करते समय हमें कई गुना ज्यादा और तेजी से अपना पाठ याद होता है इसलिए पड़ने वाले छात्रों को सुबह सवेरे पड़ाई की आदत अवश्य ही डालनी चाहिए।

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