शास्त्रों के अनुसार कभी भी इनके काम पर शंका न करें
By: Ankur Wed, 16 May 2018 7:29:57
मनुष्य का मन चंचल होता हैं जिसके भाव पल-पल में बदलते रहते हैं। किन्हीं दो व्यक्तिओं का परस्पर रिश्ते विश्वास के भाव सी ही बने रहते हैं। लेकिन इंसान के चंचल मन के चलते कभी-कभार उसको अपने आस-पास के लोगों और उनके कामों पर शंका होने लगती हैं जो कि परस्पर उनके रिश्तों को बिगाड़ती हैं। इन्हीं रिश्तों को बचाए रखने के लिए शास्त्रों में भी कुछ ऐसे नाम बताये गए हैं जिन पर कभी भी शंका नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि इनके काम पर की गई शंका नकारात्मक परिणाम देते हैं। तो आइये जानते हैं शास्त्रों के अनुसार किनके काम पर शंका नहीं की जानी चाहिए।
* भगवान
जो लोग देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखते हैं, उन्हें अपनी सोच के मुताबिक ही फल मिलता है। आज हमें परेशानियों का सामना क्यों न करना पड़ रहा हो, लेकिन भगवान के प्रति आस्था रखने पर हमें उसका शुभ परिणाम जरूर मिलेगा। इसलिए भगवान के प्रति हमेशा पॉजिटिव सोच रखनी चाहिए।
* डॉक्टर
कई बार लोगों के कहने पर या किसी भी अन्य कारण से कुछ डॉक्टरों या चिकित्सकों को लेकर हमारी सोच नेगेटिव हो जाती है। ऐसे में उस डॉक्टर से हम कितना भी इलाज करवा लें लेकिन हमें उसका कोई असर नहीं होता। यदि हमें अपने रोग से छुटकाना पाना है तो अपने चिकित्सक पर विश्वार करें।
* गुरु
जो व्यक्ति अपने गुरु पर या उसकी दी गई शिक्षा पर विश्वास नहीं रखता, उसे जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अगर पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ गुरु और उसकी शिक्षा का पालन किया जाए तो जीवन में हर सफलता पाई जा सकती है। यदि गुरु की दी गई शिक्षा पर भरोसा न किया जाए तो हमारी सोच के जैसा ही फल भोगना पड़ता है।
* तीर्थ
तीर्थ स्थानों में खुद भगवान का निवास माना जाता है। तीर्थ स्थानों पर लगभग हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती है, जिसकी वजह से वहां कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ जाता है। ऐसे में कभी-कभी तीर्थों के प्रति मनुष्य की भावना नकारात्मक हो जाती है। ऐसी भावना के साथ तीर्थ की यात्रा करने पर भी मनुष्य को उसका पुण्य नहीं मिलता है।
* पंडित या ज्ञानी
शास्त्रों में पंडितों और ज्ञानियों का बहुत महत्व बताया गया है। जो मनुष्य ब्राह्मणों या पंडितों पर विश्वास नहीं करता या उनके लिए अच्छी भावना नहीं रखता, उसे कभी भी अपने दान कर्मों का फल नहीं मिलता है। इसलिए मनुष्य को कभी भी श्रेष्ठ और योग्य पंडितों की योग्यता पर अविश्वास नहीं करना चाहिए।
* मंत्र
मंत्रों को देवी-देवताओं के करीब पहुंचने के एक आसान तरीका माना जाता है। जो लोग रोज शांत मन और पवित्र भावनाओं से भगवान के मंत्रों का जाप करते हैं, उनकी सारी परेशानियों का हल निश्चित ही होता जाता है। जो मनुष्य घर वालों के दबाव में बिना मन से या मंत्रों में अविश्वास की भावना के साथ उनका उच्चारण करता है, उसे इनका साकारात्मक फल नहीं मिलता। इसलिए मंत्रों का पाठ हमेशा विश्वास और आस्था के साथ करना चाहिए।
* ज्योतिषी
ग्रहों की दशाओं को देख कर मनुष्य के कुंडली दोष और समस्याओं के समाधान बताने वाले ज्ञाता व्यक्ति को ज्योतिषी कहा जाता है। कई लोग किसी और के कहने पर या ज्योतिषी पर भरोसा न होने पर भी उनके पास चले जाते है। ऐसे में मनुष्य चाहे कितने ही उपाय क्यों न कर ले, लेकिन उसकी परेशानी का हल नहीं निकलता है। मनुष्य जैसी भावना के साथ यह काम करता है, उसी वैसा ही फल मिलता है।