श्रीरामचन्द्र जी को एक कुत्ते ने बताया न्याय का अनोखा तरीका, जानें इससे जुडी कथा के बारे में

By: Ankur Tue, 30 Oct 2018 1:58:56

श्रीरामचन्द्र जी को एक कुत्ते ने बताया न्याय का अनोखा तरीका, जानें इससे जुडी कथा के बारे में

प्रभु श्रीरामचन्द्र जी को न्याय और उनकी मर्यादा के लिए जाना जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि एक बार एक कुत्ते ने प्रभु श्रीरामचन्द्र जी को न्याय का अनोखा तरीका बताया था। जी हाँ, यह बात तब की हैं जब श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और राजा बने थे। तब वे हमेशा भोजन करने से पहले ये आश्वस्त करते थे कि द्वार पर कोई भूखा तो नहीं खड़ा हैं, उसी के बाद खुद भोजन ग्रहण करते थे। आज हम आपको इसीसे जुडी यह पौराणिक कथा बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इसके बारे में।

एक दिन की बात है लक्ष्मण जी ने श्रीरामचन्द्र जी से कहा,’ मैं अभी आवाज लगाकर आया हूं, कोई भी भूखा नहीं है।’ रामचन्द्र जी ने कहा, ‘ दोबारा जाओ और जोर से आवाज लगाओ शायद कोई भूखा रह गया हो। ‘ श्रीरामचन्द्र जी का आदेश पालन करते हुए लक्ष्मण जी दोबारा बाहर गए और उन्होंने जोर से आवाज लगाई तो कोई आदमी तो नहीं वरन् एक कुत्ते को लक्ष्मण जी ने रोते हुए देखा। अन्दर आ कर उन्होंने श्रीरामचन्द्र जी से कहा, ‘बाहर कोई व्यक्ति भूखा नहीं है बल्कि एक कुत्ता अवश्य रो रहा है।

श्रीरामचन्द्र जी ने उस कुत्ते को अंदर बुलाया और कुत्ते से पूछा, ‘ तुम रो क्यों रहे हो ? ‘ कुत्ते ने कहा, ‘एक ब्राह्मण ने मुझे डंडा मारा है।’ श्रीरामचन्द्र जी ने ब्राह्मण को बुलवाया और उससे पूछा, ‘क्या यह कुत्ता सही बोल रहा है? ‘ ब्राह्मण ने कहा, ‘हां यह मेरे रास्ते में सो रहा था इसलिए मैंने इसे डंडा मारा है। यह कुत्ते जहां-तहां लेट जाते हैं, इन्हें डंडे से ही मारना चाहिए।

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श्रीरामचन्द्र जी समझ गए कि ब्राह्मण की ही गलती है परंतु ब्राह्मण को क्या कहें सो उन्होंने कुत्ते को पूछा, ‘ब्राह्मण ने तुम्हें डंडा मारा तो तुम क्या चाहते हो? ‘ कुत्ते ने कहा,’भगवान इसे मठाधीश बना दिया जाए।’ कुत्ते की बात सुनकर भगवान मुस्करा दिए और मुस्कराते हुए कुत्ते से पूछा,’ इस ब्राह्मण ने तुम्हें डंडा मारा बदले में तुम इन्हें मठाधीश बनाना चाहते हो। मठाधीश बनने से इनकी बहुत सेवा होगी, काफी चेले बन जाएंगे। इससे तुम्हारा क्या फायदा होगा।’

कुत्ता बोला, मैं भी मठाधीश था। मुझ से कुछ गलत काम हुआ आज मैं कुत्ते की योनि में हूं और लोगों के डंडे खा रहा हूं। ये भी मठाधीश बनेगा फिर कुत्ते की योनि में जाएगा, फिर लोगों के डंडे खाएगा तो इसकी सजा पूरी हो जाएगी।

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