महिलाओं के ऑर्गेज्म पाने से जुड़े है कई मिथ, जानें और दूर करें अपनी दुविधा को
By: Ankur Tue, 09 Oct 2018 2:37:15
सेक्सक्रिया से जुड़े कई पहलु होते हैं, जिनकी वजह से सेक्स मजेदार और बेहतर बन पाता हैं। ऐसा ही एक पहलु होता हैं महिलाओं को ऑर्गेज्म की प्राप्ति। बिना ऑर्गेज्म की प्राप्ति के सेक्स को निराधार माना जाता हैं। सभी इसको पाने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। लेकिन इससे जुड़े कई मिथक व्यापत हैं, जिनकी वजह से सेक्स करते समय हमेशा दुविधा बनी रहती हैं। इसलिए आज हम आपके लिए ऑर्गेज्म पाने से जुड़े मिथक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आपकी दुविधा दूर होगी। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
* अगर सेक्स के दौरान आप ऑर्गेज्म महसूस नहीं करतीं, तो आप ऐबनॉर्मल हैं?
विशेषज्ञ के अनुसार, ऐसा बिल्कुल नहीं है। ऐसी धारणा 100 प्रतिशत गलत है। कई महिलाएं ऑर्गेज्म तक पहुंचती हैं, पर वे उसके बारे में महसूस नहीं कर पातीं। कई महिलाओं की पेल्विक मसल्स ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट नहीं करतीं, बल्कि उत्तेजना के एक प्वॉइंट के बाद वे रिलैक्स और संतुष्ट महसूस करने लगती हैं। यानी अगर सेक्स बहुत बढ़िया नहीं रहा तो डरने की जरूरत नहीं। इसका यह मतलब नहीं कि आप ऐबनॉर्मल हैं।
* सेक्सुअल इंटरकोर्स से ही ऑर्गेज्म तक पहुंचा जा सकता है?
तीन में से एक महिला संभोग के दौरान नियमित रूप से ऑर्गेज्म तक पहुंचती हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो संभोग के दौरान उत्तेजना महसूस करने के लिए पार्टनर से अतिरिक्त क्रिया (एक्स्ट्रा एक्ट) की चाह रखती हैं। हाल में हुए अध्ययन से पता चला है कि ऑर्गेज्म सेक्सुअल क्लाइमेक्स होता है फिर चाहे उसे आप जिस भी तरीके से प्राप्त करें। ऑर्गेज्म तक एक महिला कैसे पहुंचती है, इसका संबंध उसके मानसिक स्वास्थ्य या भावनात्मक परिपक्वता से नहीं होता।
* क्लिटोरिस या जी-स्पॉट को 5 मिनट तक उत्तेजित करने से आप ऑर्गेज्म तक पहुंच सकते हैं, उसके बाद ऐसा संभव नहीं है?
प्यार करने के तरीके बहुत सारे हैं, जो एक महिला को यौन चरमोत्कर्ष (Sexual climax) तक पहुंचने में मदद करते हैं। आप स्वयं ही अपनी खुशी का कारण बन सकती हैं साथ ही साथ पार्टनर के साथ संवाद भी बेहद जरूरी है।
* कुछ महिलाएं ऑर्गेज्म प्राप्त करने में सक्षम ही नहीं होती हैं?
लगभग 10 प्रतिशत महिलाएं संभोग के दौरान यौन चरमोत्कर्ष प्राप्त करने में अयोग्य होती हैं, जिसे एनोरगैज्मिया कहते हैं। यह प्राइमरी या सेकेंडरी हो सकता है। प्राइमरी एनोरगैज्मिया वह अवस्था है, जिसमें एक औरत किसी भी तरीके से ऑर्गेज्म तक नहीं पहुंच पाती, जबकि सेकेंडरी एनोरगैज्मिया में एक खास प्वाइंट या समय जैसे फोरप्ले के दौरान ऑर्गेज्म महसूस किया हो पर सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान नहीं।