अंडकोष का दर्द इग्नोर करना बन सकता हैं जानलेवा, जानें ऐसा क्यों
By: Ankur Mon, 08 Oct 2018 1:55:45
हर इंसान के जननांगों में टेस्टिस या अंडकोष होता हैं, जिसमें कभीकभार दर्द का अहसास भी होता हैं। कभीकभार उठा टेस्टिकल्स में दर्द भी खतरनाक होता हैं और अगर यह लम्बे समय तक रहता हैं तो जानलेवा साबित हो सकता हैं। ऐसे में अंडकोष का दर्द इग्नोर करना बहुत बड़ी भूल हो सकती हैं। यह दर्द कई बीमारियों के कारण हो सकता हैं। आइये जानते हैं इन बीमारियों के बारे में।
* चोट हो सकती है मुख्य वजह
टेस्टिस बहुत ही संवेदनशील अंग होता है इसमें हल्की चोट भी बहुत बड़ी समस्या बनकर सामने आ सकती है। टेस्टिस में पूरानी चोट भी कभी भी उभर कर सामने आ जाती है। अगर टेस्टिस में चोट की वजह से दर्द है तो इसका जल्द से जल्द उपचार कराना चाहिए। घरेलू उपाय के भरोसे कभी न रहें, इसकी वजह से नपुंसकता भी आ सकती है।
* ग्रोइन हर्निया का हो सकता है लक्षण
छोटी आंत का कुछ भाग जब नीचे की तरफ आ जाता है तो वह अंडकोष में प्रेशर बनाता है जिसकी वजह से भी दर्द हो सकता है। इसे ग्रोइन हर्निया भी कहा जाता है, इसकी वजह से अंडकोष में तेज दर्द और सूजन हो सकता है। ज्यादातर भारी सामन उठाने की वजह से ऐसा हो सकता है। वर्कआउट करते समय सही स्पोर्ट्स सपोर्टर पहनने की सलाह दी जाती है।
* टेस्टिकल कैंसर
टेस्टिस में दर्द का कारण टेस्टिकुलर कैंसर भी हो सकता है। इसके लिए हमेशा सतर्क रहने की जरूरत होती है। अगर अंडकोष में कोई गांठ है और आपके अंडकोष में दर्द और सूजन है तो इसकी तुरंत जांच करायें। टेस्टिकुल कैंसर अंडकोष से शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है। टेस्टिकुलर कैंसर का इलाज संभव है इसके सफल होने का प्रतिशत 95 प्रतिशत है।
* एपीडिड्यमिटिस की समस्या
एपीडिड्यमिटिस की समस्या में टेस्टिकल्स की नसों में जलन और दर्द होने लगता है। इसका कारण कोी चोट या बैक्टीरिया का इंफेक्शन हो सकता है। सेक्स से होने वाले इंफेक्शन से भी यह समस्या हो सकती है। सेक्स से होने वाली इस समस्या को एटीडी के नाम से जाना जाता है। सामान्यतया यह समस्या 18 से 35 के उम्र में ज्यादा होती है।
* ओरचीटिस
टेस्टिकल में होने वाली यह समस्या भी काफी गंभीर होती है। इसकी मुख्य वजह वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। इसमें भी जलन और दर्द होता है, इसकी वजह से अंडकोष में सूजन और दर्द होता है। इसका भी समय रहते इलाज न किया जाय तो यह अंडकोष की कार्य क्षमता को प्रभावित करता है।