Dussehra 2022 : इस गांव में दामाद की तरह होती हैं रावण की सेवा, मूर्ती के सामने घूंघट निकालती हैं महिलाएं

By: Ankur Mundra Wed, 05 Oct 2022 4:37:40

Dussehra 2022 : इस गांव में दामाद की तरह होती हैं रावण की सेवा, मूर्ती के सामने घूंघट निकालती हैं महिलाएं

देशभर में आज दशहरा मनाया जा रहा हैं जहां रावण के पुतलों का दहन किया जाना हैं। देशभर में एक से बढ़कर एक रावण के पुतले बनाए गए हैं। लोगों में रावण को लेकर बहुत गुस्सा होता हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रावण पर गुस्सा करने की बजाय उसकी दामाद की तरह सेवा की जाती हैं। हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के खानपुरा क्षेत्र में रुण्डी गांव की। गांव में 200 साल पुरानी रावण की एक प्रतिमा है, जिसकी लोग हर शुभ काम से पहले पूजा करते हैं। यहां रावण की दस सिरों वाली प्रतिमा स्थापित है। यहां रावण के वध से पहले लोग रावण के समक्ष खड़े होकर क्षमा-याचना मांगते हैं और कहते हैं ‘आपने सीता का हरण किया था, इसलिए राम की सेना आपका वध करने आई है।’ उसके बाद प्रतिमा स्थल पर अंधेरा छा जाता है और फिर उजाला होते ही राम की सेना उत्सव मनाने लगती है।

इस गांव को रावण का ससुराल माना जाता है। लोगों का कहना है कि मंदोदरी यहीं की रहने वाली थी। पहले इस गांव को दशपुर के नाम से भी जाना जाता था, हालांकि यह गांव रावण का ससुराल है इस बात के पौराणिक साक्ष्य नहीं मिलते, लेकिन गांव के बुजुर्ग मंदसौर के नाम को मंदोदरी से जोड़ते हैं और रावण को इस गांव का दामाद मानते हैं। रावण को लोग दामाद मानते हैं इसलिए इस गांव की कोई भी महिला उसकी प्रतिमा के आगे बिना घूंघट के नहीं जाती। वहीं, माना जाता है कि रावण की प्रतिमा के पैर में काला धागा बांधने से किसी तरह की रोग बीमारी नहीं होती, इसलिए महिलाएं रावण के पैर में काला धागा बांधती हैं। दशहरे के दिन भी महिलाएं रावण के पैर में धागा बांधती हैं।

नामदेव समाज के लोगों के अनुसार खानपुरा में करीब 200 साल से भी पुरानी रावण की प्रतिमा लगी हुई थी। 2006-07 में आकाशीय बिजली गिरने से यह प्रतिमा खंडित हो गई। उसके बाद नगर पालिका ने रावण की दूसरी प्रतिमा की स्थापना कराई। हर साल नगर पालिका प्रतिमा का रखरखाव कराती है। रावण की प्रतिमा पर 4-4 सिर दोनों तरफ व एक मुख्य सिर है। मुख्य सिर के ऊपर गधे का एक सिर है। बुजुर्गों की माने तो रावण की बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी, उसके इसी अवगुण को दर्शाने के लिए प्रतिमा पर गधे का भी एक सिर लगाया गया है। दशहरा के दिन गांव में नामदेव समाज के लोग प्रतिमा के समक्ष उपस्थित होकर पूजा-अर्चना करते हैं। उसके बाद राम और रावण की सेनाएं निकलती हैं।

ये भी पढ़े :

# बिहार का अनोखा परिवार जहां सभी 22 सदस्यों के हाथ-पैरों में हैं 6 अंगुलियां

lifeberrys हिंदी पर देश-विदेश की ताजा Hindi News पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अपडेट। Viral News in Hindi के लिए क्लिक करें अजब गजब सेक्‍शन

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2025 lifeberrys.com