
राजस्थान के अजमेर और राजसमंद जिलों में मानसून के रौद्र रूप ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शुक्रवार से जारी झमाझम बारिश के चलते कई इलाकों में पानी भर गया है, झीलों और बांधों में पानी उफान पर है, तो कई स्कूलों में छुट्टी घोषित करनी पड़ी है। फायसागर और आनासागर झीलें अपने दायरे से बाहर बह रही हैं। प्रशासन सतर्क है, लेकिन हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं।
अजमेर में बारिश का कहर: फायसागर और आनासागर ने तोड़ा संतुलन
अजमेर जिले में शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश ने फायसागर झील को ओवरफ्लो कर दिया है। झील पर चादर चल रही है और आसपास की कॉलोनियों में पानी भर चुका है। वहीं आनासागर झील ने अपनी भराव सीमा पार कर दी है, जिससे उसका पानी सड़कों पर फैल गया। झील की अधिकतम क्षमता 13 फीट है, लेकिन बारिश के कारण इसका जलस्तर 15 फीट तक पहुंच गया है।
एस्केप चैनल में लगातार पानी की आपूर्ति हो रही है, जिससे आसपास के मोहल्लों में नालियों के जरिये रिवर्स फ्लो से गली-मोहल्लों में दो-दो फीट तक पानी भर गया। कई प्रमुख मार्गों को बंद कर यातायात डायवर्ट कर दिया गया है। कलेक्टर लोकबंधु स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
बांडी नदी का उफान और शहर की घेराबंदी
फायसागर से निकला अतिरिक्त पानी बांडी नदी में आ रहा है, जो अपने पूरे उफान पर है। यह नदी आबादी क्षेत्र से होकर गुजरती है, जिससे गीता कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में पानी घरों तक घुस गया है। पुष्कर रोड समेत कई अन्य मार्ग जलमग्न होकर बंद हो गए हैं।
रेलवे स्टेशन परिसर में भी पानी भर गया है, जिससे आवागमन में दिक्कत हो रही है। दरगाह क्षेत्र के पीछे के पहाड़ी इलाके से बहकर आया पानी मदारगेट और नला बाजार होते हुए स्टेशन तक पहुंच गया।
राजसमंद में झीलें छलकीं, देवगढ़-कुंभलगढ़ के स्कूल बंद, महिला बही
राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ और देवगढ़ तहसीलों में भारी बारिश से कई बांध और झीलें ओवरफ्लो हो गईं। लाखेला, कुंडेली, सोपरी, रामदरबार और राघवसागर जैसे प्रमुख बांधों में पानी भर चुका है। शुक्रवार रात को कई छोटे-छोटे तालाब भी छलक उठे, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया।
प्रशासन ने कुंभलगढ़ और देवगढ़ में स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। राजसमंद झील को भरने वाली खारी फीडर को शनिवार सुबह खोल दिया गया ताकि जलभराव की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
कुंभलगढ़ क्षेत्र के परशुराम-वेरों का मठ मार्ग पर कलथाना गांव की एक महिला नाले में बह गई। वह मानसिक रूप से अस्वस्थ थी और बहाव में बह गई। प्रशासन की रेस्क्यू टीमें घटना स्थल पर जुटी हैं लेकिन शनिवार दोपहर तक उसका कोई सुराग नहीं मिला।
बांधों और तालाबों में पानी की स्थिति
मूसलाधार बारिश के कारण क्षेत्र के अधिकांश बांध और तालाब भर चुके हैं या ओवरफ्लो कर रहे हैं। नंदसमंद के पांच गेट खोल दिए गए हैं, जबकि चिकलवास बांध 64 फीट की क्षमता में से 62.5 फीट तक भर चुका है। गोमती नदी का उद्गम स्थल भी भर चुका है और वह राजसमंद झील की ओर पानी प्रवाहित कर रहा है।
राजसमंद जिले में सबसे अधिक बारिश देवगढ़ (119 मिमी) और कुंभलगढ़ (95 मिमी) में दर्ज की गई है। इसके अलावा भीम, आमेट, रेलमगरा जैसे क्षेत्रों में भी भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
प्रशासन ने की चेतावनी जारी: सतर्क रहें, बहाव क्षेत्र से दूर रहें
राजसमंद कलेक्टर अरुण कुमार ने जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति नदियों, नालों या झीलों के नजदीक न जाए। बहते पानी से दूर रहना जरूरी है क्योंकि स्थिति गंभीर होती जा रही है। कई रास्ते अवरुद्ध हैं और जलभराव बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
राजस्थान में मानसून की सक्रियता से अजमेर और राजसमंद जिलों में जल संकट से राहत तो जरूर मिली है, लेकिन अचानक आई भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रशासन मुस्तैद है लेकिन लोगों को स्वयं भी सतर्क रहने की आवश्यकता है, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।














