
जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में आग लगने की भयावह घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई, जिससे सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। इस गंभीर मामले में राज्य सरकार ने तत्काल कड़ी कार्रवाई करते हुए एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी और ट्रोमा सेंटर के अधीक्षक डॉ. अनुराग धाकड़ को उनके पद से हटा दिया है। इसके अलावा, अस्पताल में तैनात अधिशाषी अभियंता मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया गया है। फायर सेफ्टी का काम देख रही एजेंसी एसके इलेक्ट्रिक कंपनी की निविदा भी निरस्त कर दी गई है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
आग लगने की घटना सोमवार को हुई, जिसके बाद तत्काल मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने रात लगभग 3 बजे अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस हादसे को बेहद दुखद बताया और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए। इसके बाद राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से हटाकर निलंबन की कार्रवाई की।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने भी ट्रोमा सेंटर पहुंचकर स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने मृतकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और परिजनों को इस आघात को सहने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त आईसीयू को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए और तब तक मरीजों के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए जाएं।
जांच समिति और सुरक्षा सुधार
राज्य सरकार ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में छह सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। यह समिति पूरी गहराई से मामले की जांच कर शीघ्र अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। चिकित्सा मंत्री ने स्पष्ट किया कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा भी जल्द दिया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जून में ही सवाई मानसिंह अस्पताल एवं इससे जुड़े अस्पतालों में फायर सेफ्टी और सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत करने के लिए सीआईएसएफ को विस्तृत रिपोर्ट बनाने के आदेश दिए थे। इस रिपोर्ट के आधार पर पहले सवाई मानसिंह अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाएगी, उसके बाद पूरे प्रदेश के अस्पतालों में सुधार किया जाएगा।
नए अधीक्षक और भविष्य की योजना
इस गंभीर घटना के बाद, सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक पद का कार्यभार अब डॉ. मृणाल जोशी संभाल रहे हैं, जबकि ट्रोमा सेंटर के अधीक्षक का कार्यभार डॉ. बीएल यादव को सौंपा गया है।
सरकार का उद्देश्य है कि अस्पतालों में सुरक्षा के कड़े नियम लागू किए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों और मरीजों की जान जोखिम में न पड़े। यह घटना अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार दोनों के लिए एक बड़ा संदेश है कि फायर सेफ्टी की जिम्मेदारी को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर की आग ने न केवल 8 लोगों की जान ली बल्कि अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था में छिपे कई खामियों को भी उजागर किया। सरकार ने तत्काल प्रभाव से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। अब जनता की उम्मीद है कि इस मामले की पूरी जांच हो, दोषियों को दंडित किया जाए और अस्पतालों में सुरक्षा का पूरा इंतजाम हो ताकि मरीजों और उनके परिजनों को इस तरह के दुखों से बचाया जा सके।














