
तेजी से बदलते आधुनिक दौर में, जहां शादियों में भव्यता और दिखावे का चलन बढ़ गया है, वहीं सिरोही जिले के पिंडवाड़ा में घांची समाज के बोराणा परिवार ने एक अलग ही मिसाल पेश की है। कपड़ा व्यापारी भैराराम बोराणा ने अपने बेटे की शादी पूरी तरह पारंपरिक मारवाड़ी रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक शिष्टाचार के साथ संपन्न कराई।
10 बैल गाड़ियोंसे निकली बारात
बाराती पिंडारा से करीब चार किलोमीटर की दूरी बैलगाड़ी पर तय कर पहुंचे। बैल गाड़ियों को पारंपरिक अंदाज में सजाया गया था और बाराती भी पारंपरिक वेशभूषा में सजे हुए थे। शादी का माहौल पूरी तरह सादगीपूर्ण और व्यवस्थित था, जिसे देख हर कोई तारीफ कर रहा था।
इस शादी का सबसे आकर्षक हिस्सा 10 बैल गाड़ियों से निकली बारात रही। यह पारंपरिक जुलूस गांव की ऐतिहासिक गलियों से गुज़रते हुए ढोल-दमाका और लोकधुन के साथ रंगीन अंदाज में आगे बढ़ा। ग्रामीण और आसपास के लोग सड़क पर इकट्ठा होकर उत्साह के साथ बारात का स्वागत करते नजर आए। बैल गाड़ियों के साथ निकली इस अनोखी बारात ने पूरे क्षेत्र में सांस्कृतिक और लोक रंग का अनुभव करवाया।
बोराणा परिवार ने समाज को संदेश दिया
बोराणा परिवार ने इस शादी को बिना किसी बड़े खर्च और दिखावे के सादगी, अनुशासन और गरिमा के साथ आयोजित किया। इस पहल ने ग्रामीणों और समाज को यह संदेश दिया कि पारंपरिक रीति-रिवाज और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने के साथ ही सादगीपूर्ण जीवन शैली अपनाई जा सकती है। इस पहल को स्थानीय लोग सामाजिक सोच और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम मान रहे हैं।














