राजस्थान की आम जनता के लिए बेहतर और गुणवत्तापूर्ण इलाज की उम्मीद अब और मजबूत हो गई है। राज्य सरकार ने चिकित्सा सेवाओं और मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब प्रदेश में "रिम्स" यानी राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) की स्थापना की जा रही है, जिसे दिल्ली के एम्स (AIIMS) की तर्ज पर पूरी तरह विकसित किया जाएगा।
यह खबर न केवल मेडिकल फील्ड के छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए उत्साहजनक है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक नई शुरुआत है। सरकार इस परियोजना को धरातल पर लाने के लिए एक विशेष विधेयक लाने की तैयारी कर चुकी है, ताकि संस्थान को कानूनी रूप से भी मजबूती मिल सके।
सरकार की तैयारी जोश और संकल्प से भरी
चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार ने जानकारी दी कि रिम्स की स्थापना को लेकर कई स्तरों पर गंभीर प्रयास चल रहे हैं। सरकार चाहती है कि इस संस्थान की नींव जल्द से जल्द रखी जाए ताकि राजस्थान के युवाओं को अत्याधुनिक चिकित्सा शिक्षा अपने ही राज्य में मिल सके।
उन्होंने यह भी बताया कि एम्स दिल्ली के साथ एमओयू का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है, और इसे जल्द ही हस्ताक्षरित किया जाएगा — यानी अब यह सिर्फ विचार नहीं, क्रियान्वयन की ओर बढ़ता एक मजबूत कदम है।
एम्स दिल्ली का मार्गदर्शन बनेगा मजबूत आधार
अंबरीश कुमार ने बताया कि एम्स दिल्ली, रिम्स के संचालन और विकास में मार्गदर्शक की भूमिका निभाएगा। चाहे वो उपकरणों की व्यवस्था हो, फैकल्टी की नियुक्ति, या फिर शैक्षणिक गुणवत्ता के मानदंड तय करना हो, हर पहलू में एम्स की विशेषज्ञता रिम्स को एक उच्च स्तरीय संस्थान बनाने में मदद करेगी।
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के निदेशक डॉ. वीरेंद्र पॉल ने भी जयपुर आकर रिम्स की बिल्डिंग डिजाइन को लेकर अहम सुझाव दिए हैं। यह संकेत है कि सरकार इस संस्थान को दुनिया के बेहतरीन मेडिकल हब्स की श्रेणी में खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
एम्स जैसी फैकल्टी, पूरी तरह रिसर्च-ओरिएंटेड सिस्टम
रिम्स में फैकल्टी की भर्ती पूरी तरह एम्स मॉडल पर की जाएगी। निजी प्रैक्टिस की अनुमति नहीं दी जाएगी और एनपीए (Non Practicing Allowance) अनिवार्य होगा। यह निर्णय यह सुनिश्चित करेगा कि प्रोफेसर और डॉक्टर्स केवल शिक्षा और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करें, जिससे छात्रों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण मिल सके।
स्वतंत्र संस्थान के तौर पर चलेगा रिम्स
सचिव अंबरीश कुमार ने यह भी बताया कि रिम्स एक स्वतंत्र संस्थान के रूप में कार्य करेगा। इसके लिए विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है, जिसे एम्स एक्ट के आधार पर तैयार किया गया है। फिलहाल यह विधि विभाग की समीक्षा में है और जल्द ही इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। यह कदम संस्थान को कानूनी मान्यता और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा।
रिम्स देगा खुद की मेडिकल डिग्री, तैयार करेगा पाठ्यक्रम
इस समय राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेज RUHS (राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज) से संबद्ध हैं। लेकिन रिम्स को स्वयं की डिग्री प्रदान करने का अधिकार होगा। यानी यह संस्थान अपना पाठ्यक्रम, मानक और मूल्यांकन प्रणाली खुद तय करेगा। इससे यह संस्थान पूर्णत: स्वायत्त मेडिकल शिक्षा केंद्र बन जाएगा, जहां राज्य और देश के होनहार छात्र उच्च स्तरीय शिक्षा पा सकेंगे।