
जयपुर। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार राजस्थान के अलवर निवासी मंगत सिंह को शनिवार को विशेष अदालत ने तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। बताया जा रहा है कि मंगत सिंह पर देश की सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तानी हैंडलरों तक पहुंचाने के आरोप हैं। इस संबंध में उसके खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, मंगत सिंह अलवर जिले के गोविंदगढ़ का रहने वाला है और पिछले कुछ वर्षों से स्थानीय लोगों के बीच खुद को ‘सिद्ध पुरुष’ बताकर धार्मिक गतिविधियों में शामिल था। उसने अपनी छवि का फायदा उठाकर लोगों से पैसे ऐंठने के साथ-साथ सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान स्थित आईएसआई एजेंटों से संपर्क बनाए रखा था। जांच में सामने आया है कि वह लगभग दो साल से इन एजेंटों के संपर्क में था।
जांच के दौरान अधिकारियों को उसके मोबाइल फोन से कई अहम सुराग मिले हैं। उसके फोन में ‘ईशा शर्मा’ और ‘ईशा बॉस’ नाम से सेव किए गए दो नंबरों की पहचान पाकिस्तानी हैंडलरों के रूप में की गई है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने संवेदनशील सैन्य और रणनीतिक जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाई थी। इसके अलावा, दो संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के रिकॉर्ड भी सामने आए हैं। एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या और भी धन हस्तांतरण हुए हैं या स्थानीय स्तर पर कोई नेटवर्क सक्रिय था।
सूत्रों के मुताबिक, जयपुर में स्थित केंद्रीय खुफिया इकाइयों और राजस्थान सीआईडी (इंटेलिजेंस) की संयुक्त टीम ने उसके मोबाइल डेटा का तकनीकी विश्लेषण किया, जिससे पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों के साथ उसके संपर्कों की पुष्टि हुई। इनपुट की पुष्टि के बाद शुक्रवार को सीआईडी की टीम ने उसे गिरफ्तार किया।
अधिकारियों ने बताया कि अब पूछताछ के दौरान उसके नेटवर्क, संपर्क सूत्रों और वित्तीय लेन-देन की गहराई से जांच की जा रही है। राजस्थान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से ही खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले नेटवर्कों पर कड़ी निगरानी रख रही हैं। हाल के महीनों में कई संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी गई है और खुफिया विभाग ने ऐसे मामलों पर कार्रवाई तेज कर दी है।














