
राजस्थान हाई कोर्ट, जयपुर बेंच में मंगलवार सुबह अचानक अफरा-तफरी मच गई, जब कोर्ट रूम में चल रही सभी केसों की सुनवाई तत्काल रोक दी गई। कोर्ट परिसर में मौजूद वकील, मुवक्किल और स्टाफ दरवाजों की ओर दौड़ पड़े। इसकी वजह थी—हाई कोर्ट को बम धमकी मिलना। केवल तीन दिन में यह तीसरी और एक महीने में चौथी बार है जब राजस्थान हाई कोर्ट को बम धमकी मिली है।
कोर्ट रूम में क्या हुआ
सक्शन के दौरान विभिन्न बेंचों पर सामान्य सुनवाई चल रही थी। अचानक एक कोर्ट रूम में संदेश आया कि पूरे परिसर को खाली करना है। जैसे ही ‘बॉम्ब धमकी’ की खबर फैली, न्यायाधीशों ने तत्काल सुनवाई स्थगित कर दी। सुरक्षाकर्मियों ने लोगों से बाहर निकलने का आग्रह किया। वकील और मुवक्किल अपनी फाइलें और आवश्यक दस्तावेज छोड़कर केवल सुरक्षा की खातिर दरवाजों की ओर भागे। लगातार धमकियों के कारण अफरा-तफरी और गुस्सा दोनों देखा गया।
पूरे परिसर में तलाशी अभियान
पुलिस सूत्रों के अनुसार, धमकी मिलते ही जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की विशेष टीमें, बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS) और क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) तुरंत मौके पर पहुंच गईं। हाई कोर्ट के चारों मुख्य द्वारों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई और परिसर को पूरी तरह खाली कराया गया। बीडीएस टीम अत्याधुनिक उपकरणों के साथ हर कोर्ट रूम, वकीलों के चैम्बर, पार्किंग और प्रशासनिक ब्लॉक की गहन तलाशी ले रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि धमकी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, इसलिए सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत तत्काल परिसर खाली कराना आवश्यक था।
वकीलों ने उठाए सवाल
बार काउंसिल के सदस्यों ने इस घटना को न्यायपालिका पर दबाव बनाने का प्रयास बताया। वकीलों का कहना है कि लगातार धमकियों से न केवल उनका काम प्रभावित हो रहा है, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित हो रही है। एक वकील ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें हर दूसरे दिन इस तरह की दहशत के बीच काम करना पड़ रहा है। सरकार को स्थायी समाधान निकालना होगा और दोषियों को तुरंत पकड़ना चाहिए।"
'ऑल क्लियर' तक प्रवेश वर्जित
पुलिस तकनीकी सर्विलांस और इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर धमकी के स्रोत तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। जब तक तलाशी अभियान पूरा नहीं हो जाता और सुरक्षा एजेंसियां ‘ऑल क्लियर’ का संदेश नहीं देतीं, कोर्ट परिसर में किसी का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।














