
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' की 20वीं किस्त देशभर के किसानों को सौंपी। इस मौके पर राजस्थान में एक भव्य राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन बांसवाड़ा के कॉलेज मैदान में हुआ, जहां मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिस्सा लिया। मंच पर विशाल एलईडी स्क्रीन पर प्रधानमंत्री के मुख्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया, जिससे उपस्थित जनसमूह ने राष्ट्रीय आयोजन को लाइव देखा।
किसानों को सौंपा गया भरोसे का प्रमाण
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर राजस्थान के 80 लाख किसानों के लिए 1.60 अरब रुपये की राशि ट्रांसफर की। प्रतीकात्मक रूप से मंच पर मौजूद 10 किसानों को चेक सौंपे गए, जबकि बाकी लाभार्थियों के खातों में सीधे डिजिटल माध्यम से राशि स्थानांतरित कर दी गई। इस कार्यक्रम में राज्य के कई मंत्री, विधायक और कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
"यह सिर्फ किस्त नहीं, पीएम का आशीर्वाद है" – सीएम भजनलाल शर्मा
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को याद करते हुए मां त्रिपुरा सुंदरी, बेणेश्वर धाम और मानगढ़ धाम का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को यह 20वीं किस्त प्रसाद स्वरूप भेजी है। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि किसान वर्ग के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।"
सीएम शर्मा ने बांसवाड़ा और वागड़ क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का भी उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि पर्यटन और विकास की असीम संभावनाएं रखती है।
पीएम मोदी ने विरोधियों को घेरा
इस अवसर पर वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "2019 में जब पीएम किसान योजना की शुरुआत हुई थी, तब सपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों ने तरह-तरह की अफवाहें फैलाईं और लोगों को बहकाने की कोशिश की। लेकिन सच्चाई यह है कि योजना शुरू होने के बाद से एक भी किस्त रुकी नहीं है।"
प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि अब तक इस योजना के तहत लगभग पौने चार लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में भेजे जा चुके हैं। शनिवार को ही 9 करोड़ 70 लाख किसानों को 20,500 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी गई।
योजना की पारदर्शिता और निरंतरता बनी मिसाल
पीएम किसान योजना की एक बड़ी खासियत इसकी पारदर्शिता और नियमितता है। हर चार महीने में किसानों को 2000 रुपये की सहायता दी जाती है। डिजिटल इंडिया की मदद से यह पैसा सीधे उनके खातों में पहुंचता है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है।














